18वीं लोकसभा में घट रही किसानों की संख्या, वकीलों का बढ़ रहा दबदबा
आज से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है, और कुछ सांसदों ने अपने पद की गोपनीयता की शपथ ले ली है। ये सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक चलेगा। खास बात ये है कि इस बार 280 नए सांसद चुनकर आए हैं, जो पहली बार लोकसभा का हिस्सा बने हैं। इनके प्रोफेशन की बात करें तो इनमें ज्यादातर कृषि, समाज सेवा और व्यवसाय से जुड़े हैं। इस बार हर क्षेत्र से लोग चुनकर आए हैं – हार्ट स्पेशलिस्ट, प्रोफेसर, समाजसेवी, किसान, अभिनेता और क्रिकेटर भी शामिल हैं। लेकिन, एक दिलचस्प बात ये है कि 18वीं लोकसभा में समाजसेवी, कृषि और बिजनेस को अपना पेशा बताने वाले सांसदों की संख्या में थोड़ी कमी आई है। 17वीं लोकसभा में इनकी संख्या ज्यादा थी।
कृषि से जुड़े सांसदों की संख्या में गिरावट
17वीं लोकसभा में 230 सांसद कृषि पेशे से जुड़े थे, जिनमें ज्यादातर भाजपा की टिकट पर चुने गए थे। इस बार इनमें 8% की कमी आई है। अब सिर्फ 179 सांसद ही कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं। भाजपा के 240 सांसदों में से 79, कांग्रेस के 99 सांसदों में से 29, सपा के 37 सांसदों में से 23, TMC के 29 में से सिर्फ 2 और DMK के 22 में से 9 सांसद कृषि से जुड़े हैं।
अन्य पेशों से जुड़े सांसद
इस बार 115 सांसद समाजसेवी हैं, जो कुल 21.22% बनते हैं। पिछले बार के मुकाबले ये संख्या 13.13% कम है। 17वीं लोकसभा में 192 या 34.35% सांसद समाजसेवी थे। नई लोकसभा में व्यवसाय को अपना प्रोफेशन बताने वाले 100 सांसद हैं, जो पिछले बार से कम हैं। 17वीं लोकसभा में 144 सांसद व्यवसायी थे। इस बार वकीलों की संख्या 39 है, जो पहले से ज्यादा है। 28 सांसद स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं। 18वीं लोकसभा में 70 सांसद राजनीति को अपना पेशा मानते हैं। फिल्म, टीवी और संगीत उद्योग से जुड़े सांसदों की संख्या भी कम हो गई है। 17वीं लोकसभा में ये संख्या 22 थी, जबकि इस बार यह घटकर 12 हो गई है। तो दोस्तों, इस बार की लोकसभा में नए चेहरे और नई उम्मीदें हैं। देखते हैं, ये नए सांसद क्या धमाल मचाते हैं!