भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुख्यमंत्री शिवराज का नया रूप
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्शन में अपराधियों की धरपकड़ के साथ बुलडोजर चलवा कर नेस्तनाबूद करने में भी नहीं चूक रहे। वही प्रशासनिक महकमे में भी यदि कोई भ्रष्टाचार करते पकड़ाया गया तो उस पर भी कड़ी कार्यवाही करने में गुरेज नहीं कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज।
मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आज बड़ी कार्यवाही करते हुए अनिल कुमार मिश्रा (डीडी 1995) और कृष्ण कुमार वर्मा ,(निरीक्षक 2015 )को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई।
समिति द्वारा 50 वर्ष की आयु या 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के संबंध में निर्धारित मापदंडों के आधार पर मूल्यांकन करते हुए सेवानिवृत्ति दी गई
दोनो पुलिस कर्मियों के विरुद्ध घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता , कदाचरण, नियम विरुद्ध कार्यवाही करना इत्यादि आरोप लगे थे जिस पर समिति ने निर्णय लिया और मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान की
अनिल कुमार मिश्रा डीडी (1995) के विरुद्ध इंदौर पुलिस ऑफिसर मैस में संदिग्ध रूप से रुककर कदाचरण तथा संदिग्ध आचरण का परिचय , और भारतीय दंड विधान में अन्य प्रकरणों में अनावश्यक रूप से विधि विरुद्ध हस्तक्षेप कर संदिग्ध आचरण और कर्तव्य विमुक्ता का परिचय दिया था। मिश्रा के विरुद्ध भोपाल , गाजियाबाद और जयपुर में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं
कृष्ण कुमार वर्मा के विरुद्ध भी थाना सौसर में अवैध रेत उत्खनन की रोकथाम हेतु और ओवर लोडिंग वाहन व उत्खनन करने वालों के विरुद्ध बार-बार निर्देश किए जाने पर भी कोई कार्यवाही ना किए जाना , अवैध गतिविधियों में लिप्त होना, विभाग की छवि को धूमिल करना और अनेकों बार संदिग्ध आचरण का परिचय देना पाया गया
कृष्ण कुमार वर्मा का भी सेवा काल का।मूल्यांकन औसत पाया गया एवं श्री वर्मा की संनिष्ठा संदिग्ध पाई गई और इन्हे अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी गई