1 करोड़ 18 लाख के इनामी नक्सली धराशायी हुए

मध्यप्रदेश में नक्सली कभी पनप नहीं पाए क्योंकि मध्य प्रदेश के पुलिस की कठोर कार्यवाही करने में सक्षम साबित हुई। मध्य प्रदेश सरकार के पुलिस विभाग ऐसा दावा करता है वैसे देखा जाए तो मध्यप्रदेश में कभी डकैतों का खौफ हुआ करता था पर आज ग्वालियर चंबल हो या अन्य संभाग डकैतों को नाम और निशान मिटाने में शिवराज सरकार सफल साबित हुई है

बालाघाट में पुलिस विभाग के ‘क्रम-से-पूर्व पदोन्नति अलंकरण समारोह में हॉक फोर्स एवं पुलिस के 55 जवानों को आऊट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया।

कार्यक्रममें मुख्यमंत्री शिवराज ने संबोधित करते हुए कहा कि मैं वीरता का सम्मान करने आया हूं, मैं वीरों की पूजा करने आया हूं। वीरता का सम्मान नहीं हुआ, तो वीरता बांझ हो जायेगी।

इसलिए आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं, केवल अपनी ओर से नहीं, मध्यप्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता की ओर से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर जवानों ने सिर पर कफन बांधकर और जान हथेली पर लेकर कार्रवाइयों को अंजाम दिया। जवानों ने नक्सलियों का सामना किया और अपनी वीरता एवं साहस के समक्ष उन्हें टिकने नहीं दिया। मैं पुन: अपने वीर जवानों का अभिनंदन करता हूं।

यह नक्सलियों का नेटवर्क नेस्तनाबूद करने का साल रहा है। विगत एक वर्ष में जितने नक्सली मारे गये, उसे पिछले 9 सालों की कार्रवाइयों को कंबाइंड करके भी देखें, तो यह संख्या उससे अधिक है। 2022 में कुल 1 करोड़ 18 लाख के इनामी नक्सली धराशायी हुए हैं। हमारी पुलिस ने माफिया से आर-पार की लड़ाई लड़ी। नक्सलियों के उन्मूलन के लिए सर पर कफ़न बाँधा। कोविड के कठिन दौर में जब लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे तब हमारे पुलिस के जवान चौराहे पर खड़े थे।

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