ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज, जारी रहेगी सुनवाई

वाराणसी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा है कि श्रृंगार गौर से जुड़ी याचिका सुनने लायक है और उस पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने मामले में सुनवाई न करने की मुस्लिम पक्ष की तरफ से दर्ज करवाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया है। अब मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन और हरिशंकर जैन ने मीडिया को बताया कि कोर्ट ने यह फैसला सबूतों के आधार पर दिया है। अब श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा को लेकर दायर की गई याचिका पर रोजाना सुनवाई होगी। वकील हरिशंकर जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी पर प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट लागू नहीं होता है और इस कारण ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। हालांकि मुस्लिम पक्ष इस फैसले पर ऊपरी कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। ज्ञानवापी मस्जिद के कैंपस में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की अनुमति देने वाली याचिका पर 24 अगस्त को हिंदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने 12 सितंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जानिए क्या है ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला

18 अगस्त 2021 को 5 हिंदू महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश और हनुमान समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजाना पूजा की अनुमति मांगते हुए कोर्ट पहुंची थीं। वहां अभी साल में एक बार ही पूजा होती है। इन याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं जबकि बाकी 4 महिलाएं बनारस निवासी सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक हैं। 26 अप्रैल को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे के निर्देश दिए थे।

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