महाशिवरात्रि : 11 लाख 71 हजार 78 दीपों से जगमगाई महाकाल की नगरी, MP ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

महाशिवरात्रि पर्व पर मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महाशिवरात्रि पर्व पर उज्जैन में आयोजित दीपोत्सव में शामिल हुए। क्षिप्रा नदी का रामघाट 11 लाख 71 हजार 78 दीपों से जगमगाया। कार्यक्रम के बाद 3R Reduce Reuse Recycle दीपक, बचे हुए तेल और अन्य सामग्री होगी।

MP ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

मध्यप्रदेश ने सबसे ज्यादा दीपक जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। सीएम शिवराज ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि पुण्य सलिला क्षिप्रा से श्री महाकाल महाराज जी के परिसर तक, अवंतिका नगरी के हर देवालय से गली-चौराहे तक उज्जैन रोशनी से दमक उठी है। आप सभी ने 11,71,878 दीप प्रज्ज्वलित कर न सिर्फ रिकॉर्ड बनाया, बल्कि पावन अवसर को इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिख दिया है। मन आनंदित है।

सबका मंगल, सबका कल्याण

CM शिवराज ने लोगों का आभार जताते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि आपकी भक्ति, आपकी श्रद्धा, आपकी तपस्या से आज आपने महाशिवरात्रि अद्भुत बनाई है। मैं आप सभी को हार्दिक बधाइयां देता हूं आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व है भगवान भोलेनाथ महाकाल महाराज आप सभी पर कृपा की वर्षा करें, प्रदेश पर कृपा की वर्षा करें, हमारे भारत देश पर कृपा की वर्षा करें, और पूरे विश्व पर भी कृपा की वर्षा करें। सब सुखी हों, सब निरोग हो, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो!

मिशन “गंगा” अभियान बड़ी उपलब्धि है – CM शिवराज

इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण कर रहे हैं उस काम में हम सभी सहयोग करें। यूक्रेन में फंसे भारत के नागरिकों को निकालने के लिए मिशन “गंगा” अभियान चलाया है वह सफल हो और हमारे सारे बेटा बेटी और नागरिक हम वापस लेकर आएं और यूक्रेन में भी रक्तपात ना हो।

महाकाल के रंग में रंगे शिवराज

भगवान महाकाल के गुणों का वर्णन करते हुए सीएम बोले कि भगवान महाकाल महाराज हम सभी के पिता हैं जगत जननी पार्वती मैया जगदंबा मैया, हमारी माता है हम उनके चरणों में प्रणाम करते हैं। अद्भुत है महाकाल महाराज, महादेव करुणा के सागर, दया के सागर, प्रेम के सागर और शंकर का नाम है कल्याणकारी जो सबका कल्याण करें! शंकर वही महादेव वही महाकाल मैं आज आपसे निवेदन करना चाहता हूं ऐसे महादेव जो सभी को बराबर मानते हैं उनकी नजर में कोई छोटा नहीं है, कोई बड़ा नहीं है, सभी पर कृपा की वर्षा करते हैं और दाता तो ऐसे हैं कि सब उनको ओगड़दानी कहते हैं। भोले भंडारी, आशुतोष भगवान जरा सी पूजा से प्रसन्न और पूजा के लिए भी ज्यादा सामग्री नहीं चाहिए बिल पतरी चढ़ा दो महादेव प्रसन्न हो जाते हैं अगर भगवान को प्रसाद लगाना हो56 प्रकार के व्यंजन नहीं चाहिए भांग धतूरे के भोजन में ही महाकाल महाराज प्रसन्न हो जाते हैं और अगर श्रंगार करना हो तो, सोने चांदी के आभूषण नहीं चाहिए श्मशान घाट की भस्म रमा लेते हैं।

भोलेनाथ क्यों कहलाए “नीलकंठ”

भोलेनाथ की महिमा बताते हुए शिवराज सिंह चौहान बोले कि आज मैं आप से और अपने प्रदेशवासियों से एक अपील करना चाहता हूं भोले शंकर ने इस दुनिया को बचाने के लिए जहर पिया था। समुद्र मंथन में से अमृत निकला होड़ लग गई कौन अमृत ले जाए देवता और दानव संघर्ष करने लगे अमृत के लिए संघर्ष हो रहा था लेकिन, फिर जहर निकल गया अब कालकूट कौन पिए सृष्टि जलने लगी जब प्राणी मात्र को बचाने के लिए आए भगवान भोले शंकर और उस जहर को अपने कंठ में धारण कर लिया। उसके प्रभाव से उनका कंठ नीला हो गया और इसलिए, भगवान भोले नीलकंठ कहलाए। आपसे निवेदन करना चाहता हूं हम भी यह सोचे दूसरों की सेवा के लिए, भले के लिए जरूरत पड़ने पर थोड़ा त्याग हम भी करें। हमारे भोले बाबा सर्वस्व त्यागी हैं वह तो मृगछाला पहने रहते हैं उन्हें किसी चीज का कोई लालच नहीं है।

CM शिवराज ने लोगों को दी प्रेरणा

भगवान भोले शंकर अर्धनारीश्वर, आपको पता है वह अर्धनारेश्वर भी है। बेटियों की भी इज्जत मान सम्मान करने दो बेटियों को भी आगे बढ़ने दो! वह कैलाश पर रहते हैं, कैलाश वासी, वैसे तो महाकाल महाराज उज्जैन में भी रहते हैं लेकिन, संदेश एक है पेड़ जरूर लगाओ पर्वत जंगल बचाओ, इसलिए एक पेड़ साल भर में एक बार जरूर लगाएं मामा रोज लगाता है।

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