जानिए आखिर क्यों सीहोर में सीएम शिवराज ने भरे मंच से कहा: किसी को नौकरी करने लायक नहीं छोडूंगा
सीहोर। प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार सीएम जन सेवा अभियान के शिविरों में शामिल हो रहे हैं। वह स्वयं जनता से पूछ रहे हैं कि अगर कोई भी अधिकारी-कर्मचारी जन हितेषी योजनाओं का लाभ दिलाने और राशन वितरण, मूंग तुलाई में अनाधिकृत रूप से पैसे की मांग कर रहा हो तो बताएं। सीएम आज सीहोर जिले के ग्राम खैरी सिलगैना, नीमटोन, अकोला, ग्राम पंचायत गादर समेत कई स्थानों पर आयोजित जन सेवा शिविरों में शामिल हुए।
हर बार की तरह इस बार भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन कर की। इस दौरान उन्होंने सादगी भरे अंदाज में जनता का अभिवादन किया और कहा कि मेरा संकल्प है कि कोई भी व्यक्ति गरीब न रहे। उन्होंने मंच से लोगों से हाथ खड़े करवा कर पूछा कि किन-किन लोगों को राशन नहीं मिल रहा है। इसके बाद सीएम ने वहां मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि राशन वितरण समेत विभिन्न प्रकार की जन हितेषी योजनाएं चल रही है किसी न किसी योजना में पात्रता अनुसार इन लोगों का नाम जोड़कर इनको राशन उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने जनता को बताया कि जन सेवा शिविर इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कार्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े और उनकी समस्याओं का समाधान जल्द हो सके। सीएम ने ग्राम खैरी सिलगैना में 21 करोड 90 लाख रुपए की लागत से बनी 4 सड़कों समेत कई विकास कार्य का भूमि पूजन किया।
जनता से पैसे मांगने वालों को काम करने लायक नहीं छोडूंगा: शिवराज
ग्राम खैरी सिलगैना में आयोजित सीएम जन सेवा शिविर में सीएम शिवराज ने एक तुलाई केंद्र में मूंग की तुलाई के लिए पैसे मांगे जाने की शिकायत पर नाराजगी जताई। उन्होंने मंच पर ही कलेक्टर और कमिश्नर को बुलाया और कहा कि मामले की पूरी जांच कराएं, साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे नौकरी करने लायक नहीं छोडूंगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ध्यान दें कि धान की तुलाई में इस तरह की कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए।
बच्चों को सीएम शिवराज सिंह ने दिया वचन
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं गांवों के स्कूलों को आदर्श बनाने का। साथ ही उन्होने बच्चों को वचन दिया कि जो बच्चे पढ़ने-लिखने में तेज हैं उनके भविष्य की चिंता उनके माता-पिता को करने की जरूरत नहीं है। अगर उन बच्चों का एडमिशन मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए होता है तो उनकी फीस शिवराज मामा भरवाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हमने सख्त कानून बनाएं हैं अगर मासूम बेटियों की तरफ किसी ने गलत नजर से देखा तो सीधे फांसी के फंदे पर चढ़ाया जाएगा। प्रदेश में अब तक 74 लोगों को फांसी की सजा मिल चुकी है।