जानिए आखिर क्यों आईटीआई के छात्रों से सीएम शिवराज बोले दिशाहीन पढ़ाई का कोई मतलब नहीं, हमेशा कौशल पर ध्यान दें

भोपाल। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में मंगलवार को पहली बार राज्य स्तरीय आईटीआई दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। मध्य प्रदेश की 19 आईटीआई को देश में 3 स्टार और 96 आईटीआई को 2 स्टार रेटिंग मिलने पर सीएम शिवराज ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि बच्चों के कौशल को और निखारे। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इंजीनियर की परिकल्पना पर हम काम करेंगे। ताकि हर ग्राम पंचायत में कम से कम 4 ग्रामीण इंजीनियर हो जो वहां की सुविधाएं जैसे बिजली, पानी निर्माण आदि की व्यवस्था बनाए रखने में अपना योगदान दें। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई आईटीआई टॉपर्स को सम्मानित किया।

कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा हमें उत्कृष्ट मध्यप्रदेश बनाना है और वह स्किल और कौशल के माध्यम से बनेगा। अपने देश में युवाओं की जनसंख्या सबसे ज्यादा है यह कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। अगर युवाओं के हाथ में कौशल दें तो वह चमत्कार कर सकते हैं। शिक्षा के तीन उद्देश्य हैं, ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिकता के संस्कार देना। सीएम ने कहा दिशाहीन पढ़ाई का कोई मतलब नहीं है, युवाओं को कौशल मिले यह हमारा उद्देश्य है। कांग्रेस के जमाने में आईटीआई टपरे में चलती थी अगर वहां कोई ट्रेनिंग ले भी लेता था तो उसे काम नहीं मिलता था। शिवराज सरकार गोविंदपुरा में विश्व स्तरीय आईटीआई बना रही है जिसमें कुल 10 हजार बच्चे ट्रेनिंग ले सकेंगे।

87% रिजल्ट रहने पर दी बधाई

देशभर में आईटीआई की संख्या में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर आता है। सीएम ने कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश भर की आईटीआई का रिजल्ट इस वर्ष 87% रहा है। वहां पढ़ने वाले 71838 बच्चे पास हुए हैं और 4507 बच्चों का अलग-अलग कंपनियों में सिलेक्शन हुआ है। 14 हजार 330 बच्चों का अप्रेंटिसशिप के लिए चयन हुआ है।

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