जानिए सीएम शिवराज ने किन 4 सुखों का मनुष्य को समुच्चय बताया
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में शनिवार को सीएम शिवराज ने यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव को संबोधित किया। यहां सीएम ने लोगों से कहा मैं कोई अतिथि नहीं हूं मैं आपके घर का सदस्य हूं क्योंकि मामा कभी मेहमान नहीं होता। साथ ही उन्होंने बताया कि शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा इन चारों का समुच्चय है मनुष्य और इसीलिए इन चारों सुखों की संपूर्ण व्यवस्था हमें करनी पड़ेगी। उन्होंने युवाओं को स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित पंक्ति तुम ईश्वर के अंश हो, ईश्वर के पुत्र हो, अनंत शक्तियों के भंडार हो, कोई ऐसा काम नहीं है जिसे तुम नहीं कर सकते सुनाई और और देश-प्रदेश की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास करने का जोश भरा।
डेली कॉलेज में आयोजित 2 दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम शिवराज ने मंच से कहा भारत के विचार को एक ही पंक्ति में कहूंगा एक ही चेतना सब में है “सियाराम मय सब जग जानी”। अच्छा पक्ष हर एक व्यक्ति के अंदर मौजूद है जो ठीक दिशा में चलता है, भलाई चाहता है वह भलाई करके आनंद का अनुभव करता है और इसे ही आत्म सुख कहा जाता है। सीएम ने बताया कि मैंने बचपन में स्वामी विवेकानंद की किताब में पढ़ा था कि मनुष्य केवल साढ़े 3 हाथ का हाड माॅस का पुतला नहीं है बल्कि ईश्वर का अंश, अमर आनंद का भागी है और अनंत शक्तियों का भंडार है अर्थात दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं जो मनुष्य नहीं कर सकता। भारत ने विश्व के कल्याण और प्राणियों में सद्भावना पर विचार किया है हमने नदियों को जल वाहिका नहीं माना बल्कि मां मानकर उनकी पूजा की है।
हमारे राष्ट्र की सोच, विचार और परंपराएं अद्भुत है: शिवराज
सीएम ने यंग थिंकर्स से कहा कि भारत के जो मूल विचार है एक बार उन्हें देखे मनुष्य क्या चाहता है इस पर ध्यान दें, कोई भी व्यक्ति दुखी हो कर नहीं जीना चाहता सब सुखी जीवन जीना चाहते हैं। भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है। सीएम ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मैं जरा भी अपने राष्ट्र के इतिहास की गहराई में जाता हूं तो अभिभूत हो जाता हूं क्योंकि हमारी सोच, विचार और परंपराएं अद्भुत हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ तो अभी बना लेकिन हमारे ऋषियों ने तो हजारों साल पहले ही कह दिया था कि सारी दुनिया ही हमारा परिवार है।