जानिए कैसे आया फर्जी एसडीएम के पास राज्यपाल के नाम से फर्जी लेटर बनाकर लोगों से धोखाधड़ी करने का आईडिया

इंदौर। क्राइम ब्रांच पुलिस ने फर्जी एसडीएम बन कर लोगों को धौंस दिखाने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया है। उसने राज्यपाल मंगूभाई पटेल के फर्जी हस्ताक्षर कर खुद का नियुक्ति आदेश बना लिया था। वह खुद को देपालपुर एसडीएम बता कर सैकड़ों लोगों को ठग चुकी है। एमपीपीएससी की तैयारी कर चुकी महिला इस कदर शातिर है कि उसने कई लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर लाखों रुपए ऐंठ लिए। वह सोशल मीडिया पर एसडीएम के तौर पर कई अवार्ड लेते हुए फोटो भी शेयर कर चुकी है। पुलिस को जानकारी मिली है उसने महिला एवं बाल विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम समेत कई विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपए की ठगी की है।

पुलिस के मुताबिक ऋषि नगर निवासी योगेश पिता पुरुषोत्तम मालवीय सियागंज में कैशियर की नौकरी करते थे। कुछ समय पहले ही उनकी मुलाकात 40 वर्षीय नीलम पाराशर से हुई। नीलम ने खुद को देपालपुर एसडीएम बताते हुए योगेश को कलेक्टर कार्यालय में सरकारी गार्ड की नौकरी का झांसा दिया। नीलम के झांसे में आकर योगेश ने गार्ड की नौकरी के लिए 2 लाख रुपए उसे दे दिए। इसके एवज में नीलम में योगेश को एक खाकी वर्दी, फर्जी आई कार्ड और एडीएम अजय देव शर्मा के गार्ड के तौर पर नियुक्ति पत्र सौंपा। जॉइनिंग से पहले ही वह दो महीने तक 10 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से योगेश के खाते में रुपये जमा करवाती रही और बाद में अपर कलेक्टर के बीमार होने का बहाना बनाकर टालने लगी। पुलिस को पता चला है उसने एक बेरोजगार युवक को जोनल अधिकारी के पद का जॉइनिंग लेटर और उसकी पत्नी को महिला बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर की नौकरी का जॉइनिंग लेटर देकर साढे 7 लाख रुपए ऐंठे हैं।

खुद को एसडीएम जताने रखा था गनमैन और ड्राइवर
नीलम पाराशर एमपीपीएससी की तैयारी कर रही थी लेकिन वह सिलेक्ट नहीं हो पाई। उसने प्रशासनिक अधिकारियों के चलने फिरने और बोलने के लहजे को अपनाना शुरू कर दिया। वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है और लोगों को रौब दिखाने के लिए उसने ड्राइवर और गनमैन भी रखा हुआ है। वह अपनी गाड़ी पर मध्य प्रदेश शासन लिखवा कर घूमने लगी और खुद को एसडीएम होने की धौंस दिखाने लगी। कुछ समय पहले ही उसने गौतमपुरा इलाके में साड़ी व्यवसायी प्रमिला की दुकान से खरीदारी की। पैसे मांगने पर उसने दुकानदार को झूठे केस में फंसवाकर जेल भिजवाने की धमकी दे डाली और बिना पैसे दिए ही सामान लेकर चली गई। व्यवसायी ने मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच पुलिस से की। जिस पर कार्रवाई करते हुए गुरुवार का पुलिस ने नीलम को गिरफ्तार कर लिया।