सहस्राब्दियों से भारत और अफ्रीका का समृद्ध इतिहास रहा- राजनाथ सिंह
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस प्रकार से तनाव आपसी देशों में बढ़ता जा रहा है वही भारत अपने कदम दोस्ताना निभाते हुए हर देश को मदद देने की ओर अग्रसर होता जा रहा है।
भारत-अफ्रीका सेना प्रमुख सम्मेलन का आयोजन पुणे में हो रही है। इस बैठक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया। अपने संबोधन में राजनाथ ने कहा कि सहस्राब्दियों से भारत और अफ्रीका का समृद्ध इतिहास रहा है। संपूर्ण मानवता के दृष्टिकोण से भी अफ्रीका मानता है कि महाद्वीप, नस्ल या जातीयता की अपेक्षा के बिना अफ्रीका सभी मानवता का उद्गम स्थल है। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के लिए समृद्धि और गरिमापूर्ण जीवन हासिल करने की हमारी साझी खोज में भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी की स्वाभाविक भावना हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीका के विऔपनिवेशीकरण के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक रहा है, और उसने अफ्रीका में साम्राज्यवादी, नस्लवादी और रंगभेद शासन के अंत के लिए काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, हमारे मन में अपने अफ्रीकी भाइयों और बहनों के लिए बहुत सम्मान और स्नेह है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका आज एक अरब से अधिक जीवंत लोगों का घर है, जिनमें से दो तिहाई से अधिक 35 वर्ष से कम आयु के हैं। यदि इस मानव पूंजी को सही अवसरों के साथ समर्थन दिया जाता है, तो यह न केवल अफ्रीका के लिए विकास का इंजन बन जाएगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी