Hathras; सत्संग में भगदड़ से हुई 122 श्रद्धालुओं की मौत, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भेजा शोक संदेश

हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने की वजह से 122 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है और सैकड़ों की तादाद में लोग घायल हुए है। मृतकों की सूची में महिलाएं और बच्चे ज्यादा हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना में पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। भोले बाबा के भक्तो में उत्तरप्रदेश के कई बड़े नेता भी शामिल हैं। जो उनकी सत्संग सभाओं में शामिल होते हैं, जिसमें से एक अखिलेश यादव भी हैं। इस घटना पर देश के कई बड़े नेता अपना बयान दे रहे हैं। साथ ही रूसी प्रेसिडेंट व्लादीमीर पुतिन ने भी इस घटना पर शोक पत्र के माध्यम से शोक जताया।
खबर विस्तार में…
बता दें, मंगलवार 2 जुलाई को उत्तरप्रदेश के हाथरस में भोले बाबा (असली नाम – सूरज पाल ) का भव्य सत्संग आयोजित किया गया था। सत्संग में आयोजकों ने 80,000 श्रद्धालुओं की अनुमति ली थी। लेकिन सत्संग में लगभग ढ़ाई लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच गए थे। वहां मौजूद लोगों के लिए पानी और सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई थी। सत्संग के बाद भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए भगदड़ मच गई। जहां भीड़ ने एक दूसरे को कुचल दिया और शवों का ढेर लग गया। भगदड़ में 122 लोगों को मौत हो चुकी है। जिसमें ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग है, वहीं सैंकड़ो घायल अस्पताल में भर्ती हैं। भगदड़ के दौरान वॉलेन्टियर्स ने श्रद्धालुओं पर वॉटर कैनन का उपयोग किया, जिसकी वजह से लोग जमीन पर फिसल कर गिरने लगे और एक दूसरे को रौंदते हुए आगे बढ़ते गए। जिसकी वजह से भयावह हादसा हो गया। घटना के बाद पुलिस ने भोले बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश माथुर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है।

कौन हैं भोले बाबा ?
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है। वह एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के किसान परिवार का बेटा है। सूरज की पढ़ाई के बाद UP पुलिस में नौकरी लग गई थी। सूरज पाल UP पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले इटावा में पोस्टेड रहा। जहां उसके खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद उसे पुलिस विभाग से निकाला दिया गया और जेल में कुछ सालों के लिए बंद कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और उपदेशक बन गया। और लोग उसे भोले बाबा के नाम से जानने लग गए।
सूरज पाल, कारों के काफिले के साथ चलता है और मीडिया से दूर रहता है। अनुयायी उसे भगवान शिव की तरह पूजते हैं। इसलिए उसका नाम भोले बाबा पड़ गया। भोले बाबा किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनता है। उसके सत्संग में सूट और बूट का रंग हमेशा सफेद होता है। कई बार कुर्ता-पजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचता है।

• बाबा की सभा में अखिलेश यादव हुए थे शामिल…
भोले बाबा का कनेक्शन सिर्फ पूजा पाठ और सत्संग तक नहीं है। उनका कनेक्शन सियासत से भी है। कई मौकों पर UP के बड़े नेताओं को उनके साथ मंच पर देखा गया। इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। अखिलेश यादव ने जनवरी, 2023 में एक समागम में हिस्सा लिया था और अपने X अकाउंट पर तस्वीरे भी पोस्ट की थी। साथ ही यह भी लिखा कि नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो।

मृतकों और घायलों को मिलेगा मुआवजा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे में मृतक के परिवार वालों को 2 लाख की राशि और घायलों के लिए 50 हजार की राशि मुआवजे के रूप में देने का ऐलान किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस में हुए हादसे में मारे गए प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। साथ ही सभी घायलों को 50,000 रुपये दिए जाने का ऐलान किया है।