गुलाम नबी आजाद ने संकट के समय कांग्रेस को छोड़ा, उनसे यह उम्मीद नहीं थी: दिग्विजय सिंह

भोपाल। गुलाम नबी आजाद द्वारा कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद अब वह अपनों के ही निशाने पर आ गए हैं। कल तक जो कांग्रेसी उनको अपना जिगरी बता रहे थे आज वही लोग विरोध कर रहे हैं।शनिवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो जारी कर गुलाम नबी आजाद पर संकट के समय कांग्रेस को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस समय सोनिया गांधी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए विदेश जा रही हैं और कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा चला रही है ऐसे समय में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़कर ठीक नहीं किया।

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि गुलाम नबी आजाद और मैं एक ही समय राजनीति में आए। 1977 के विधानसभा चुनाव में वह जीत नहीं पाए और उनकी जमानत जप्त हो गई। कॉन्ग्रेस पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया, वह जम्मू-कश्मीर में अगर नहीं जीत पाते थे तो उनको महाराष्ट्र से चुनाव में जिताया। दो-दो बार लोकसभा का सदस्य बनाया, 5 बार यानी की 30 साल तक राज्यसभा में रखा, मुख्यमंत्री, मंत्री बनाया लेकिन अब वह कह रहे कि वर्ष 2013 में वह बहुत आहत हुए थे। दिग्विजय सिंह ने गुलाम नबी आजाद द्वारा लिखे गए पत्र और राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों की निंदा की है।

इतनी समस्या थी तो क्यों बने विपक्ष के नेता: दिग्विजय

दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब वर्ष 2013 में राहुल गांधी ने पत्रकारों के सामने एक आर्डिनेन्स फाड़ दिया था तो अगर उस पर गुलाम नबी आजाद को आपत्ति थी तो उसके बाद वर्ष 2014 में गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद क्यों स्वीकार किया, मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया। आज कांग्रेस जोड़ों की आवश्यकता है लेकिन संकट के समय कांग्रेस जोड़ने के बजाय कांग्रेस छोड़ने में लगे हैं गुलाम नबी।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Open chat
Hello 👋
For more details contact us