कांग्रेस में अलग-थलग पड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया

मध्यबप्रदेश में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया है।वो भी उस नेता ने जिसको कमलनाथ और कांग्रेस ने घर पर बैठाकर रखा हुआ। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने 2011 में हुई जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने के साथ 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को समाप्त करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी कराई थी। इसके आंकड़े अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। देश में 56 प्रतिशत से अधिक आबादी पिछड़ा वर्ग की है लेकिन उसे न्याय नहीं मिल रहा है।

अरुण यादव के बयान कई बार कांग्रेस और कमलनाथ को संशय में डाल चुके हैं। अभी दो दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का अरुण यादव के निवास पर आना और उसके बाद अखिलेश यादव का ये कहना कि हम एक हैं,इस बात के कई मायने निकाले जा रहे हैं कि कही अरुण यादव राष्ट्रीय राजनीति में समाजवादी पार्टी के साथ हो सकते हैं या यूं ही बयानबाजी करके कांग्रेस को सोचने पर मजबूर करते रहेंगें।

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