कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने कमलनाथ के चेहरे हो नकारा
भोपाल- मप्र में आने वाले समय में चुनाव होने जा रहे हैं जिसको लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी ने अपनी तमाम तरह की सूचियां और कमेटियां बना दी है उन समितियों में ऐसे बहुत सारे कांग्रेस के चेहरे हैं जिनको जगह नहीं दी गई हैं। जब यह सूचियां जारी हुई तो यह आशंका सभी तरफ से आ रही थी कि जिन नेताओं को इन सूचियों में और समितियों में जगह नहीं मिली है, वह सारे एक ना एक दिन विरोध जरूर करेंगे। अब विरोध के स्वर साफ दिखाई देने लगे हैं जब पूर्व मंत्री उमंग सिंगार ने मध्य प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने की मांग जो कर दी तो कमलनाथ का खेमा यह आशंका व्यक्त खुलकर करने लगा है कि यह कहीं ना कहीं कमलनाथ के आने वाले समय के लिए यह मुद्दा चुनौती जरूर बनेगा।
एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता व विधायक उमंग सिंघार ने रविवार को कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से बनना चाहिए। उन्होंने आदिवासियों से कहा कि जब तक प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा, तब तक घर नहीं बैठना। यह मांग पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने की है। सिंघार को हाल में गठित चुनावी समितियों से दूर रखा गया है।
इस मुद्दे को उठाते ही भारतीय जनता पार्टी चुटकी लेना शुरू कर दी हैं सत्ताधारी दल यानी सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अपन तो उमंग सिंघार के कायल है..वह जिस तरह से ताल ठोक कर अपनी बात करता है वह गजब है।कांग्रेस ने सदैव जनजाति वर्ग की उपेक्षा की है। कांग्रेस की 15 महीने की सरकार में उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर जो आरोप लगाए थे। दिग्विजय सिंह ने आज तक उन आरोपों का जवाब नहीं दिया है..आदिवासियों का अपमान करने का काम कांग्रेस करती है।