कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पांच और चीते छोड़े जाएंगे

नई दिल्ली- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जून में मानसून की शुरुआत से पहले मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के अनुकूलन शिविरों से पांच और चीतों को स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ा जाएगा। इनमें तीन मादा और दो नर चीते शामिल होंगे।

प्रोजेक्ट चीता की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय

मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देश पर विशेषज्ञों की एक टीम ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है। वैसे जानवरों को आमतौर पर मानसून के मौसम में जंगल में नहीं छोड़ा जाता है क्योंकि ऐसे मौसम की स्थिति में उन्हें भोजन और आश्रय तलाशने में काफी मुश्किल होती है।

चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान से बाहर जाने दिया जाएगा

साथ ही में वे इस नए वातावरण में सामंजस्य भी नहीं बैठा पाते हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान से बाहर जाने दिया जाएगा और उन्हें तब तक वापस नहीं लाया जाएगा जब तक कि वे उन क्षेत्रों में प्रवेश न करें, जहां उन्हें खतरा हो।

सभी चीते अच्छी शारीरिक स्थिति में

इसमें कहा गया है कि सभी चीते अच्छी शारीरिक स्थिति में हैं। नियमित अंतराल पर शिकार करते हैं। निगरानी दलों द्वारा चीतों को उनकी व्यावहारिक विशेषताओं और उनकी पहुंच क्षमता के आधार पर मुक्त विचरण के लिए चुना गया है।

दो नर चीते उद्यान के भीतर ही रुके

नामीबिया से लाए गए चीतों में से अब तक चार को केएनपी में बाड़ अनुकूलन शिविरों से निकालकर मुक्त परिस्थितियों में छोड़ा गया है। बयान के अनुसार दो नर चीते (गौरव और शौर्य) उद्यान के भीतर ही रुके हुए हैं और उन्होंने इसकी सीमाओं से परे क्षेत्र की खोज में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

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