जबलपुर में बिशप निकला धनकुबेर, जानिए ऐसा क्या मिल गया कि बुलानी पड़ी मशीन

जबलपुर। ईओडब्ल्यू की टीम ने “द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया” डायोसिस के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के घर और ऑफिस पर छापा मारा है। बिशप और तत्कालीन रजिस्ट्रार बीएस सोलंकी पर आरोप है कि दोनों ने मिलकर संस्था के अलग-अलग शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ रहे छात्रों की फीस में से 2.7 करोड रुपए का घोटाला कर उन पैसों को धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफ और खुद के निजी कामों में लगाया है। ये घोटाले वर्ष 2004-5 से लेकर 2012 के बीच के बताए जा रहे हैं।

गुरुवार सुबह ईओडब्ल्यू की टीम ने बिशप पीसी सिंह के जबलपुर के नेपियर टाउन स्थित घर और ऑफिस पर छापा मारा है। शुरुआती पड़ताल में टीम को उनके घर से 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद और 18 हजार यूएस डॉलर भी मिले हैं। जिस समय उनके घर पर दबिश दी गई उस समय बिशप घर पर नहीं मिले, बताया जा रहा है कि वह इस समय जर्मनी में है। घर में ईओड्ब्ल्यू की टीम को बिशप का बेटा मिला। ईओडब्ल्यू की टीम उस समय दंग रह गई जब उसे पता चला कि बिशप के पास 9 लग्जरी कारें, 32 घड़ियां और 2 किलो सोना है। घर से इतनी अधिक मात्रा में नकदी मिलने पर नोट गिनने के लिए मशीन बुलवानी पड़ी।
जबरन नाम बदलने का है आरोप
बिशप पर संस्था के पदाधिकारियों को बगैर जानकारी दिए ही जबरन संस्था का नाम बदलकर कर “द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया डायोसिस” करने का आरोप है। साथ ही उन पर खुद की मर्जी से काफी समय से चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज रहने का आरोप है। टीम उनके घर और ऑफिस से वित्तीय गड़बड़ियों के दस्तावेज खंगाल रही है। बिशप पर आरोप लग रहे हैं कि उसने संस्था के स्कूल की जमीन का व्यवसायीकरण करते हुए उसे बैंक और वेयरहाउस को किराए पर दे रखा है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने अकाउंट ऑफिस को सील कर दिया है।