शिवराज को चुनाव लड़ने राशि दे रहीं लाड़ली बहनें, भांजे-भांजियां भी भेंट कर रहे अपने गुल्लक
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर विदिशा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में मामा के नाम से जाना जाते हैं। बहनों के लाड़ले भैया और भांजे-भांजियों के मामा कहलाने वाले शिवराज अब एक और कारण से सूर्खियों में हैं। दरअसल शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को विदिशा लोकसभा की इछावर विधानसभा से अपने चुनाव प्रचार का आगाज़ किया। यहां बहनों ने शिवराज को चुनाव लड़ने के लिए राशि भेंट की। इतना ही नहीं छोटे बच्चे भी अपने मामा को चुनाव लड़ने के लिए गुल्लक भेंट कर रहे हैं।
चुनाव लड़ने बहनें दे रहीं राशि
आमतौर पर राजनीति में देखा जाता है कि, चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी करोड़ो रूपए खर्च कर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाता है, अपने क्षेत्रवासियों का मान-मुनव्वल करता है, कई बार ये भी देखा गया है कि, मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए उन्हें राशि तक दी जाती है, लेकिन मध्यप्रदेश के एक नेता ऐसे हैं जिन्हें बहनें खुद चुनाव लड़ने के लिए राशि दे रही हैं। कोई 50 हजार, कोई 60 हजार तो कोई 50-100 रूपए भी अपने पर्स से निकाल कर दे रही हैं। ये नेता कोई और नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान है। चौहान मध्यप्रदेश की बहनों के भैया हैं, बहनों की जिंदगी बदलना चौहान के जीवन का मिशन है। मुख्यमंत्री रहते लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना और महिला सशक्तिकरण की तमाम योजनाओं को चौहान ने धरातल पर उतारा है और बहनों के जीवन को संवारा हैं, यही कारण है कि, बहनें अपने लाड़ले भैया को चुनाव लड़ने के लिए राशि दे रही हैं।
नन्हीं भांजियां भी दे रही गिफ्ट
बहनें ही नहीं छोटे बच्चे भी अपने मामा को पैसों से भरा गुल्लक भेंट कर रहे हैं। भोपाल की नन्हीं आशी अग्रवाल ने भी पहले पूर्व सीएम के साथ पौधरोपण किया और फिर उन्हें अपना गुल्लक सौंप दिया। इन बच्चों को पूरा विश्वास है कि, उनके मामा चुनाव जीतकर उनके सपनों को पंख लगाएगा और वो लंबी उड़ान भरेंगे। पूर्व सीएम शिवराज ने सांसद रहते हुए सबसे पहले बच्चियों को गोद लेकर उनके विवाह करवाने का अभियान शुरू किया था। मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होते ही शिवराज सिंह ने सबसे पहले लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजना की शुरूआत की थी। साथ ही कन्या विवाह योजना के तहत हजारों गरीब बच्चियों का विवाह करवाया था। शायद यही वजह है कि, बेटियां और बच्चे भी अपने मामा को चुनाव लड़ने के लिए राशि और गुल्लक दे रहे हैं।
ये कर्ज कैसे उतारूंगा
इछावर में आयोजित जनसभा से पहले कई महिलाओं ने अपने भैया शिवराज को चुनाव लड़ने के लिए राशि भेंट की। इस दौरान पूर्व सीएम ने बहनों से पूछा कि, किस चीज के पैसे हैं..? तो बहनों ने कहा कि, हमारा भैया चुनाव लड़ रहा है तो भैया को चुनाव लड़ने के लिए हम पैसे दे रहे हैं। बहनों की बातों को सुनकर शिवराज सिंह चौडहान बावुक नज़र आए और उन्होंने शीश झुकाकर बहनों को प्रणाम किया। इस दौरान पूर्व सीएम श्री चौहान ने कहा कि, अक्सर राजनीति में उल्टा होता है, जो चुनाव लड़ता है उससे कहते हैं कि, पहले पैसे निकलो। मैं इतने गाँव से आ रहा हूँ मुझे कहते हुए गर्व है कि मेरे बुजुर्गों ने, मेरी बहनों ने, बेटियों ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए उनकी जमा की हुई राशि दी है। ये कैसा प्रेम है, कई बार मैं सोचता हूँ कि मेरी जनता और मेरी बहनों के प्रेम का ये कर्ज मैं कैसे उतारूँगा।
रिकॉर्ड मतों से जीत
बता दें कि, शिवराज सिंह चौहान बहनों के भाई और भांजे-भांजियों के मामा होने के साथ ही प्रदेश और देश में काफी लोकप्रिय है। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी से विधानसभा चुनाव लड़ा और एक बड़े अंतर से अपने सामने खड़े उम्मीदवार को शिकस्त दी। विधानसभा चुनाव के दौरान भी जब शिवराज अपने क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए जाते थे तो उन्हें बहनें इसी तरह चुनाव लड़ने के लिए राशि भेंट करती थी। बच्चे अपने मामा को गुल्लक में जमा किए हुए पैसे दे देते थे। सलकनपुर मंदिर के बाहर फूल बेचने वाली एक बहन ने तो श्री चौहान को अंगुठी भेंट की थी। विधानसभा चुनाव के दौरान ये नज़ारा आम हो गया था और अब लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बहनें, बच्चें और आमजन शिवराज को चुनाव लड़ने राशि दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से 5 बार सांसद रह चुके हैं और हर बार बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। इस बार माना जा रहा है कि, पूरे देश में विदिशा लोकसभा सीट से श्री चौहान सबसे ज्यादा, रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करेंगे।