CM शिवराज की सुबह की बैठको का सिलसिला जारी, मंदसौर और झाबुआ जिले की ली बैठक, ये दिए निर्देश

पिछले कई दिनों से मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान रोजाना सुबह बैठक कर रहे हैं। अपनी सुबह की बैठकों के सिलसिले में आज सीएम शिवराज ने मंदसौर और झाबुआ जिले के आला अधिकारियों की बैठक ली है। मंदसौर और झाबुआ जिले की विकास गतिविधियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

सीएम ने कहा कि अफीम, काफी दिक्कत किसानों को देती है और दोनों तरह की समस्या है। इसमें पैसे की वसूली की शिकायत बहुत मिलती है। इसलिए SP थे तब भी मैं ये बात बता चुका हूँ। हमने एक दो बार लोग बदले भी, क्योंकि मुझे ऐसी अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई थी, इसको जरा प्रमाणिकता के साथ देखें। अफीम के कारण अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर और बाकी तरह के जो लोग हैं वो यहां सक्रिय रहते हैं हालांकि कुछ लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाई हुई है। मेरा निर्देश है कि जो इस तरह के माफिया हो उनके तार राजस्थान, पंजाब या और कहीं से भी जुड़े हो सकते हैं। ऐसे लोगों को सख्ती से कुचल दो। ऐसे लोगों को मध्यप्रदेश में कोई स्थान नहीं रह सकता, जो तस्करी के काम में लगे हुए हैं।

लव-जिहाद और धर्मांतरण पर रोक लगे

सीएम ने कहा कि जो अपना गलत ढंग से कमाये धन का दुरुपयोग वो राजनीतिक गतिविधियों तक में भी करते हैं। उनको कुचल देने का काम होना चाहिए। इसको ध्यान में रखें। मंदसौर में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं होती रहती हैं हमको कोशिश ये करनी चाहिए कि सीधे न्याय वाला मामला, दूसरे छोटी-छोटी चीजों पर होती है तो सामंजस्य पैदा करने का मामला, वो समाज के सहयोग से होना चाहिए क्योंकि हम शांति चाहते हैं। विकास के लिए शांति और स्थिरता जरूरी है। तनाव पैदा होते हैं तो वहां 2-5 दिन बिगड़ जाते हैं। व्यापार, दूसरी गतिविधियां सब ठप हो जाती है।लव-जिहाद और धर्मांतरण जैसे मामलों को गंभीरता से लें। गोवंश की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए और वैसे लोग अगर कोई है तो उनको हम पहले से सावधान कर दे। वह मुझे जरूरी लगता है।

भ्रष्टाचार पर सख्त सीएम शिवराज

सीएम ने कहा कि कोरोना काल में जो सामग्री खरीदी गई है उसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें आई हैं जरा इसकी ढंग से जांच करो। दूसरे छात्रावासों में मुझे यह पता चला है कि अधीक्षकों से महीना बनवा लिया जाता है इसकी जांच होना चाहिए मेरे पास शिकायतें आती है बहुत। और राशि वसूली जाती है छात्रावासों की सामग्री खरीद में भ्रष्टाचार होता है। इसको पॉजिटिवली जांच करके मुझे रिपोर्ट्स इसकी चाहिए। देखो यह गरीबों के बच्चों की शिक्षा और उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए या उनके रहने के लिए जो योजनाएं हम चला रहे हैं, उनमें मैंने पहले भी ये कहा था कि कोई भी अगर करप्शन करेगा, भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस कोई भी करें मैं लटका दूंगा, किसी भी कीमत पर छोडूंगा नहीं।हमारी इस पर पहली नजर होनी चाहिए कि किसी भी कीमत पर कोई पैसा ना खा जाए और इसमें कोई भी नहीं बचेगा अगर कोई गड़बड़ करेगा तो, निगाह रख कर काम करो।

एक बार छात्रावास अधीक्षक को जो ध्यान देते या नहीं देते उनकी सूची बनाओ, नहीं तो बदल देंगे कोई दिक्कत नहीं। दूसरे वहाँ ठीक ढंग से बच्चों का माइंड सेट सकारात्मक बने उसके प्रयत्न भी बहुत जरूरी हैं।

धर्मांतरण का कुचक्र नहीं चलना चाहिए- सीएम

सीएम ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि एक सामाजिक समरसता का वातावरण बनना चाहिए। जातिगत विद्वेष नहीं फैलना चाहिए और वहां इस तरह के आंदोलन-प्रदर्शन होते रहते हैं।हमको समाज के हर समूह से बातचीत करना चाहिए, विश्वास पैदा करना चाहिए और जानबूझकर अगर कोई गड़बड़ फैलाने वाले हैं तो उन पर नजर रखनी चाहिए और तुरंत कार्यवाही भी करनी चाहिए, नहीं तो जातिगत विद्वेष और धर्मांतरण की गतिविधियां चलती है। धर्मांतरण हमारे यहां अवैध है आपकी जानकारी में है, उसके खिलाफ कानून बना हुआ है। यह धर्मांतरण का कुचक्र नहीं चलना चाहिए।

आंगनबाड़ियों के लिए जन सहयोग जरुरी

सीएम ने फिर आंगनबाड़ियों के बारे में बात करते हुए कहा कि आंगनबाड़ियां हमको ठीक करना ही है और वह बिना जनसहयोग के नहीं हो सकती। जन सहयोग का मतलब केवल पैसा नहीं, जन आंदोलन है जिसमें लोग जागरूक होकर कुछ ना कुछ योगदान करें और अपने बच्चों से जुड़ जाएं। आपने अन्नदान का कार्यक्रम बहुत बेहतर चलाया है लेकिन, जनता भी आंगनवाड़ी से जुड़ जाए। तीन-चार लोग जो समझदार हैं जिसने आंगनवाड़ी एडॉप्ट की है वह सही अर्थों में उसको देखे।

रोजगार देने वाली सीएम की योजनाएं

सीएम ने बताया कि रोजगार के लिए हमारे कई सेल्फ हेल्प ग्रुप भी काम कर रहे हैं। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप और बाकी नौजवान भी सम्मिलित हो सकते हैं। इसको जोड़कर व्यापक पैमाने पर पूरे देश में क्या देश के बाहर के लोगों को भी आकर्षित कर सकते है। सीएम ने कहा कि आप एक योजना बनाइए; आपकी पूरी टीम बैठे। रोजगार के लिए स्पेशल प्लान देखिये। रोजगार का मतलब अभी वहां केवल सरकारी नौकरी समझते हैं। सरकारी नौकरी भी हम लगातार निकालते जा रहे हैं। बैकलॉक के पदों की भर्ती भी हम लोग कर रहे हैं। लेकिन सब तो सरकारी नौकरी में नहीं आ सकते इसलिए एक मैंने ग्रामीण इंजीनियर बताया था लेकिन दूसरा ब्रेन स्टॉर्मिंग करके झाबुआ जिले में रोजगार के क्या क्या अवसर सृजित किए जा सकते हैंय। रोजगार दिवस हम मनाते हैं। रोजगार दिवस में हम नौकरी और खेती के अलावा ट्राईबल बच्चों को भी हम आकर्षित करें। छोटी-मोटी इंडस्ट्री लगाएं। वो दुकान डालें, वह छोटे-मोटे ठेकेदारी के कामों में आए। कितने तरीके के हो सकते हैं, जरा सोचो। ट्राईबल यूथ को हम ट्रेंड करें। फिर उनको बैंक से जोड़कर रोजगार दिलवाए। हम मैक्सिमम स्ट्रीट वेंडर से लगा के, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से लगा के, हमने फिर अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम पुनर्जीवित कर दिया है। जिससे एक बड़ा मेला लगाया जा सकता है। जहां कई तरह की चीजें हम बच्चों को दें सकते है। रोजगार के ढेर सारे अवसर हम कैसे सृजित करके बच्चों को दे सकते हैं इसका एक प्लान करके हमसे शेयर करे।

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