सीएम “शिवराज” ने बताया कैसे आया जहन में सीएम राइज स्कूल बनाने का कांसेप्ट

  • सीएम ने किया 2519 करोड रुपए की लागत से बनने वाले 69 सीएम राइज स्कूलों का भूमिपूजन

इंदौर। एमपी में अब जल्द ही बच्चों को प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले और अधिक बेहतर शिक्षा सरकारी स्कूलों में मिल सकेगी। बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार एक्शन मोड में जुटी हुई है। सीएम शिवराज ने आज इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में 2519 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 69 सीएम राइज स्कूलों का भूमि पूजन किया। इस दौरान उन्होंने अपने बचपन के दिनों को यादे ताजा करते हुए बताया कि उस समय कैसी शिक्षा व्यवस्था थी और आज क्या-क्या नए सुधार हुए हैं। कार्यक्रम में मंत्री तुलसी सिलावट, उषा ठाकुर, इंदर सिंह परमार, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव समेत तमाम नेता मौजूद रहे

कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा मैं जिस सरकारी स्कूल में पढ़ा उस स्कूल में बेंच नहीं होती थी, हम जमीन पर बिछाने के लिए फट्टी लेकर जाते थे। सांसद बनने के बाद मेरे मन में विचार आया कि सरकारी स्कूल भी अच्छे होने चाहिए लेकिन तब दूसरी (कांग्रेस) सरकार थी और उसने यह हालत कर दी थी कि शिक्षकों को शिक्षाकर्मी कहा जाने लगा था। उस सरकार में गुरुजनों को केवल 500 रूपए महीना तनख्वाह मिलती थी। साथ ही उन्होंने बताया कि जब मैं एक गांव के स्कूल में गया और एक विद्यार्थी से पूछा कि गंगा जी कहां से निकली हैं तो उस विद्यार्थी ने कहा कि विंध्याचल से जबकि वास्तविकता में गंगा जी हिमालय से निकली हैं और फिर जब गुरुजी से पूछा कि यह विद्यार्थी कैसा जवाब दे रहा है तो सामने से गुरुजी ने जवाब दिया था कि 500 रूपए में तो भाई साहब गंगाजी विंध्याचल से ही निकलेंगी। कांग्रेस के शासन काल में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई थी, शिक्षकों को उनके जीवन यापन के लिए पर्याप्त भत्ता नहीं मिल रहा था। वहीं प्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार के आते हैं शिक्षा के स्तर में तेजी से सुधार और शिक्षकों को उचित वेतन मिलना शुरू हुआ। सीएम शिवराज ने भरोसा जताया कि यह सीएम राइज स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक क्रांति करेंगे, साथ ही उन्होंने शिक्षकों से कहा आप नौकरी नहीं कर रहे बल्कि आप एक साधना कर रहे हैं और यह भारत को आगे बढ़ाने का महायज्ञ है।

मेधावी विद्यार्थियों की शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी

सीएम ने कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों पर पुष्प वर्षा और कन्या पूजन कर की और वहां मौजूद बच्चों से मंच से कहा बच्चों आई लव यू, तुम जो बनना चाहते हो बन सकते हो केवल लगन की जरूरत है। अपने आप को आत्मविश्वास से भर लो क्योंकि मनुष्य जैसा सोचता है वह वैसा ही बन जाता है। उन्होंने कहा अगर तुम सब पढ़ोगे और मेधावी विद्यार्थी बनोगे तो तुम्हारी उच्च शिक्षा की पढ़ाई का खर्च यह शिवराज मामा उठाएगा, मन लगाकर मेहनत करोगे तो निश्चित ही सफलता पाओगे।

कोरोना काल में जहन में आया सीएम राज स्कूल का कांसेप्ट: शिवराज

सीएम शिवराज ने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय अधिकांश शिक्षक वेतन बढ़वाने के लिए आंदोलन करते रहते थे, हमने शिक्षकों का वेतन 40 हजार से 60 हजार तक किया। प्रदेश के युवाओं में टैलेंट की कोई कमी नहीं है अगर सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी सुविधा मिल जाए तो वो चमत्कार कर सकते हैं। कोरोना काल में देश भर के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को जोड़ा और चर्चा की कि शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे सुधारा किया जाए तो विचार आया कि स्कूलों में सारी बुनियादी और अत्याधुनिक सुविधाएं होनी चाहिए। अब सीएम राइज स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, खेल का मैदान होगा और यह स्कूल प्राइवेट स्कूलों से अच्छे बनेंगे।

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