CM शिवराज की जनता से अपील ‘आंगनवाड़ी गोद लें अभियान’ से जुड़कर निभाएं अपनी भागीदारी

भोपाल! मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की संवेदनशीलता के अनेकों उद्धरण देखने को मिलते हैं, जो समाज में जनसहभागिता के आदर्श मॉडल को प्रोत्साहित करता है हाल ही में उन्होंने मध्यप्रदेश में बच्चों के बेहतर और सुपोषित भविष्य के लिए समाज के प्रबुद्ध और वरिष्ठ नागरिकों एवं प्रदेशवासियों से “आंगनवाड़ी गोद लें अभियान” की शुरुआत की है। इतना ही नहीं बल्कि सीएम खुद आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए भोपाल की सड़कों पर ठेला लेकर निकल चुके हैं। आज उन्होंने इसी अभियान के तहत प्रदेशवासियों के नाम संदेश देकर जनता से अभियान में जुड़कर अपनी भागीदारी निभाने की अपील की है।

आप भी पढ़िए सीएम शिवराज का प्रदेशवासियों के नाम शब्दशः संदेश

प्रिय बहनों और भाइयों!

बच्चे हमारे देश का भविष्य है, और वर्तमान भी स्वस्थ, शिक्षित और संस्कारित बच्चे समर्थ राष्ट्र का निर्माण करते हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण का महायज्ञ चल रहा है। उसकी पूरी सफलता के लिए जरूरी है हमारे बच्चे पूर्णता स्वस्थ रहे। उन्होंने कहा की आंगनवाड़ी माध्यम है बच्चों को स्वस्थ रखने का सुशिक्षित रखने का, उन्हें बेहतर संस्कार देने का उनकी बेहतर ग्रोथ का लेकिन, आंगनवाड़ी केवल सरकार की जवाबदारी नहीं है। सरकार संसाधन जुटा रही है पोषण आहार भेज रही है। व्यवस्थाएं जुटा रही है। लेकिन, समाज की भी कोई जवाबदारी है।

जनता से अपील करते हुए सीएम शिवराज ने कहा की आपकी अपने बच्चों के प्रति कोई जवाबदारी नहीं है क्या? और इसलिए, हमने सोचा आंगनवाड़ी केवल सरकार न चलाए सरकार के साथ समाज को भी जोड़ा जाए इसलिए हमने “आंगनवाड़ी गोद लें अभियान” प्रारंभ किया। कई लोगों ने आंगनवाड़ी गोद ली लेकिन, केवल एक व्यक्ति आंगनवाड़ी गोद क्यों ले वो अपना काम करेंगे लेकिन, हम भी तो आंगनवाड़ी से जुड़े । आंगनवाड़ी में संपूर्ण पोषण आहार मिले शिक्षा देने की व्यवस्था ठीक हो खेलकूद की व्यवस्था की जाए। आज इसकी आवश्यकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए आंगनवाड़ी को समाज से जोड़ने के लिए आंगनवाड़ी में संपूर्ण संसाधनों की व्यवस्था के लिए मैं, भोपाल में हाथ ठेला लेकर निकला था।

सीएम ने कहा की बच्चों के लिए खिलौने और अन्य सामग्री एकत्रित करने के लिए मैं, यह बताते हुए भावविभोर हूं लोगों ने, दोनों हाथ खोल कर दिया। मैं तो हाथ ठेला लेकर निकला था लेकिन खिलौनों से ट्रक भर गए। अनेक प्रकार की सामग्री आ गई लाखों रुपए के चेक और कमिटमेंट आ गए। मेरा उत्साह और बढ़ गया। और इसलिए, समाज को आंगनवाडी से जोड़ने का अभियान अब एक सामाजिक आंदोलन बन रहा है। उन्होंने कहा की मैं आपसे विनम्र अपील करता हूं आप भी इस अभियान से जुड़िए आंदोलन से जुड़िए आप आंगनवाड़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहयोग कर सकते हैं किसान हैं। अनाज दे दीजिए, व्यापारी हैं सामग्री दे दीजिए, उद्योगपति, सामाजिक कर्मचारी, अधिकारी अन्य काम में लगे व्यक्ति हैं तो जो आपका सामर्थ हो तो उस समर्थ से आंगनवाड़ी में कुछ ना कुछ जरूर दें।

आप अगर आपका जन्मदिन है तो,आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ मनाएं। आप न जाएं तो वहां दूध, फल, पोषण समग्री भिजवा दें। माता जी -पिताजी की पुणिस्मृति में आप आंगनवाड़ी में भोजन करा सकते हैं। बच्चों के जन्मदिन पर आप आंगनवाड़ी में सामग्री भेंट कर सकते है। इसलिए मैं, आज आपसे भावुक अपील कर रहा हूं!आंगनवाड़ी से जुड़िए मतलब अपने बच्चों से जुड़िए, अपने देश के भविष्य से जुड़िए।अगर आप न जा पाएं तो कोई बात नहीं है मैं उनसे, आह्वान कर रहा हूं जो बच्चों के लिए समान इक्कठा करने के लिए निकल सकते है जैसे मैं भोपाल में निकला!

उन्होंने जनता से आव्हान करते हुए कहा की मित्रों आप अपने शहर, गांव में निकलिए सामग्री एकत्रित कीजिए। और आंगनवाड़ी में भेंट कीजिए। हर एक नहीं जा सकता तो हम समान लेने तो जा सकते है। जब मैं, हाथ ठेला लेकर निकल सकता हूं तब आप भी तो निकल सकते हैं। आइए हमारे प्रदेश में संकल्प करें हर बच्चा सम्पूर्ण स्वस्थ होगा कोई अंडर बेट नहीं रहेगा, आंगनवाड़ी में पोषण आहार की कमी नहीं रहेंगी बाकी, आवश्यकता की पूर्ति हम करेंगे समाज करेगा। निकलिए ये आंगनवाड़ी से समाज को जोड़ने का अभियान बच्चों को स्वस्थ शिक्षित और संस्कारित बनाने का महायज्ञ है आप भी इसमें अपनी आहुति डालिए।

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