मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के युवाओं को दी यह बड़ी सौगात

भोपाल। मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने आज यूथ महापंचायत में प्रदेश के युवाओं को कई महत्वपूर्ण सौगात दी है। मुख्यमंत्री शिवरराज सिंह चौहान ने कहा कि हम मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना बना रहे हैं। लर्न एंड अर्न के अंतर्गत युवाओं को 8000 रुपए कम से कम दिए जायेंगे। हम खैरात नहीं चाहते, हम काम करके कमाएंगे। यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। जो हम मध्यप्रदेश की धरती पर करेंगे । शिवराज ने कहा कि 1 जून से रजिस्ट्रेशन और 1 जुलाई से पैसा मिलना शुरू हो जाएगा। युवा आयोग का पुनर्गठन किया जाएगा। 5 अप्रैल तक कर दिया जाएगा। जो युवाओं की समस्या सुनेगा। अगले साल जो बजट आएगा उसमें युवा बजट अलग से आएगा। इस साल 750 करोड़ का बजट है खेल विभाग का।  मध्यप्रदेश में खेली एमपी यूथ गेम आयोजित किये जाएंगे। योग की शिक्षा शुरू करेंगे, हर गांव में खेल का मैदान बनाया जाएगा। मुझे लगता है कि हम कई भाषाएं सीखकर नौकरी पा सकते हैं। यदि बच्चे अलग-अलग भाषाएं सीखना चाहते हैं तो उसकी भी व्यवस्था करेंगे।इंक्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे।100 करोड़ की लागत से स्टूडेंट इनोवेशन फंड बनाया जाएगा। जिला स्तर पर विवेकानंद युवा संसाधन केन्द्र शुरू करेंगे। ट्राइबल म्यूजियम की अवधि पर हमारे कलाकारों को मानदेय अब केवल वन टाइम ही परीक्षा शुल्क देना होगा। अलग-अलग परीक्षा के लिए शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी। अगर इंटरव्यू के लिए दिल्ली जाना पड़ेगा तो उन बच्चों को मध्यप्रदेश भवन में निशुल्क रहने की व्यवस्था की जाएगी।मां तुझे प्रणाम योजना के तहत यात्राओं का आयोजन किया जाएगा। मैं रोज एक पेड़ लगाता हूं, तो आप सबको भी अपने जन्मदिन पर पेड़ लगाना चाहिए। पर्यावरण बचाने के लिए हम अलग-अलग काम कर सकते हैं।  मेंटल हेल्थ ठीक रहे, इसके लिए योगा की जरूरत है।  नशे के कारोबारियों को तबाह और बर्बाद करने की जरूरत है। 1 अप्रैल से दारू के अहाते बंद कर दिये जाएंगे। और बाहर भी कोई पार्क और सड़क पर नहीं पिएगा, पीकर गाड़ी चलाई तो फिर पुलिस से डंडे बजवाउंगा। जितने भी ड्रग्स और नशे के कारोबारों हैं उनके भी बुलडोजर चलेंगे। यह नशे के कारोबारी पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं। आप सभी मोबाइल में हीं नहीं, खेल के मैदानों में भी खेलो। मध्यप्रदेश को ऊंची उड़ान देने, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे मध्यप्रदेश के साथ चलेंगे।

शिवराज ने गांधी परिवार पर साधा निशाना

यूथ महापंचायत को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शहीद दिवस है, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू आज शहीद हुए उनका आज शहीदी दिवस है। अंग्रेजों ने चांदी की तस्तरी में हमें आजादी नहीं दी थी, हजारों क्रांतिकारी फांसी के फंदे पर झूल गये आजादी के लिए।क्रांतिकारी गाया करते थे- सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हमारे शहीदों ने देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। भगत सिंह ने असेंबली में बम फेंका।  भगत सिंह चाहते तो भाग सकते थे, उनके साथियों ने उन्हें जेल से भगाने के लिए योजना बनाई। जब उन्हें पता चला तो वह गुस्सा हो गये, बोले- भगत सिंह को कायर समझते हो। भगत सिंह बोले- फांसी लगेगी तो एक भगत सिंह मर जाएगा लेकिन उसके लहू से हजारों भगत सिंह पैदा होंगे। उनमें मौत का खौफ नहीं, मरने का डर नहीं। वो हंसते हंसते फांसी के फंदे पर झूल गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे मन में एक तकलीफ है, आजादी के बाद तत्कालीन सरकारों ने हमें सिर्फ एक परिवार के बारे में बताया। नेहरू, इंदिरा गांधी का नाम बताया गया लेकिन हम भूल गये चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, झांसी की रानी को, सुखदेव, राजगुरू को, वीर सावरकर को, टंटया मामा को, कुंवर सिंह को हमने भुला दिया। उन्होंने कहा कि इस देश को आजादी को इतिहास तक ढंग से नहीं पढ़ाया गया। मैं धन्यवाद देता हूं प्रधानमंत्री जी को जिन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में देश के लिए मरने वालों का परिचय हमें कराया।
शिवराज ने कहा कि आज शहीद दिवस पर हमने जानबूझकर यूथ पंचायत रखी है, शहीद चुंद्रशेखर आजाद की 116 वीं जन्म जयंती पर हमने पिछले वर्ष यूथ महापुंचायत आयोजित की थी, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू जी के शहीदी दिवस पर हम फिर यूथ पंचायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस की लड़ाई में जब हमारे भारत के बच्चे फंसे तो प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मेरे बच्चे तिरंगा लेकर निकलें तो युद्ध रोक देना।
शिवराज ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि ये आज का भारत है, प्रधानमंत्री ने आपको अमृत पीढ़ी कहा है। तुम अपने मम्मी-पापा के बेटा-बेटी तो हो ही, तुम प्रदेश और देश के भी बेटा-बेटी हो। आज हमने अपने बच्चों के यूथ पॉलिसी बनाई है, हमारे पास 10000 सुझाव आये हैं। भाजयुमो ने, एबीवीपी ने भी युवाओं से सुझाव लिये। हमने व्यापक पैमाने पर विचार-विमर्श किया और हमने फिर यह युवा नीति बनाई है। यह केवल कर्मकांड नहीं है, यह तुम्हारी जिंदगी बनाने का विनम्र प्रयास किये हैं।


 युवा नीति के प्रमुख  उद्देश्य

इस नीति का उद्देश्य है कि प्रदेश के युवा ऐसे उद्यमी बने जो आत्मविश्वास के साथ जोखिम लेने के लिए तैयार हों

– आर्थिक और वित्तीय व्यवस्था एवं संरचना के प्रति जागरुक हों 

– मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ हों

 – कृषि एवं पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी हों

 – समावेशी एवं न्यायपूर्ण हो- प्रतिभागिता की भावना से युक्त हों- वैज्ञानिक स्वभाव एवं दृष्टिकोण से युक्त हों

– तथ्यों के आधार पर युक्तियुक्त निर्णय लेने में समर्थ हों

 – अपनी संस्कृति एवं संस्कारों के प्रति आदर भाव से युक्त हों – राष्ट्र निर्माण एवं अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित हो 

– भविष्य में नेतृत्व प्रदान करने हेतु समर्थ हो- शिक्षा एवं कौशल अर्जित कर रोजगार के योग्य हों

मध्यप्रदेश युवा नीति के कार्यक्षेत्र –

शिक्षा एवं कौशल- रोजगार एवं उद्यमिता

–  स्वास्थ्य- युवा नेतृत्व और सामाजिक कार्य

– खेल एवं फिटनेस

– कला एवं संस्कृति

– पर्यावरण सुरक्षा

सीएम राइज स्कूल में मिल रही प्राइवेट स्कूल जैसी शिक्षा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमनें समावेशन और समता शिक्षा में सुधार के लिए हम सीएम राइज स्कूल बना रहे हैं, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस होंगे। पढ़ाई में सबसे बढ़ी बाधा फीस बनती है, हमने मुख्यमंत्री मेधावी योजना बनाई, उसमें हमने तय किया कि यदि आप में प्रतिभा है और आपका उच्च शिक्षण संस्थानों में आपका एडमिशन होता है तो आपकी फीस मामा भरवाएगा। आज तक 6 लाख रुपए मेधावी योजना की आय सीमा थी उसे में आज 8 लाख रुपए महीना कर रहा हूं। मेधावी योजना में सुधार के लिए कोई सुझाव होंगे तो हम उसे भी लागू कर देंगे। मैं तुम्हारी जिंदगी में कोई बाधा नहीं बनने दूंगा। सीएम राइज स्कूल बनाकर हम प्राइवेट स्कूल जैसी सुविधाएं देंगे। अब नीट के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में भर्ती होती है, कई बार सरकारी स्कूलों के बच्चे रह जाते हैं। एक काम हम कर रहे हैं। एक परिवर्तन कर रहे हैं, नीट के रिजल्ट की दो लिस्ट बनेगी। एक सामान्य लिस्ट बनेगी। एक सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए 5 परसेंट का आरक्षण देकर बनाएंगे। 95 प्रतिशत सामान्य नीट के आधार पर लिस्ट बनेगी और 5 प्रतिशत सरकारी स्कूलों के बच्चों को आरक्षण दिया जाएगा हम पर अंग्रेजी लाद दी गई, मध्यप्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में पढ़ाई जाएगी। आने वाले समय़ में मेडिकल में हिंदी की सीटें भी रिजर्व करने की योजना बनाएंगे।

प्रदेश में बनेंगे ग्लोबल स्किल पार्क

भोपाल में सिंगापुर की तर्ज पर स्किल ग्लोबल पार्क बना रहे हैं, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर में भी ग्लोबल स्किल पार्क बनाएंगे, जिससे गुणवत्तापूर्ण व्यवसायिक शिक्षा हमारे युवाओं को मिल सके। रोजगार के लिए सरकारी नौकरियां, इस साल 1 लाख 24 हजार पदों पर हम भर्तियां कर रहे हैं। 50 हजार भर्तियां हो गई हैं। निवेश से रोजगार- अभी इंवेस्टर समिट हुआ था जिसमें 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ का निवेश आया, उससे 29 लाख नये रोजगार सृजित होंगे। जिनकी पढ़ाई पूरी हो गई है, उनके लिए हमने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना बनाई है, 1 लाख से 50 लाख तक लोन बैंक देगा, उसकी गारंटी सरकार लेगी। सब्सिडी भी सरकार देगी। हम महीने एक दिन रोजगार दिवस होता है उसमें ढाई लाख बच्चों को लोन सेंशन होता है। कई बच्चे बेरोजगारी से परेशान हैं। कुछ विपक्ष के लोग कहते हैं रोजगारी भत्ता दे दो, कुछ राज्यों की मैंने नीति देखी ऐसे नियम लगा देते हैं जिससे सबको भत्ता न मिल सके। बेरोजगारी भत्ता कुछ राजनीति दलों की बेईमानी है। चिड़िया अपने बच्चों को हौंसला नहीं देती पंख देती है। मध्यप्रदेश सरकार जितने भी बेरोजगार बेटी-बेटी हैं, 12वीं के बाद व इसके अलावा भी जिन्हें लगता है कुछ तो सहारा मिल जाये। उनके लिए मैं योजना की घोषणा कर रहा हूं मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना। हमने यह तय किया है कि अलग-अलग उद्योग में, सर्विस सेक्टर में, चार्टेड अकाउंटेड, ट्रेड, इंडस्ट्री, तकनीकि सेक्टर में हम युवाओं को ट्रेनिंग दिलाने का काम करेंगे, और ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 8 हजार रुपए महीना दिया जाएगा। इनके इंजीनियरिंग, मेनेजमेंट, अस्पताल, अस्पताल, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, चार्टेड अकाउंटेड, मीडिय-कला, कानून-विधि के क्षेत्र में। बेरोजगारी भत्ते से काम नहीं चलता हम एक पोर्टल बनाएंगे, हम बच्चों को वो सिखाएंगे जिसकी इंडस्ट्री को जरूरत होगी। जब वो सिखाएंगे तो हम कम से कम 8000 रुपए तो देंगे, कंपनी अलग से पैसा देगी। 8000 रुपए मिलेंगे लेकिन यह काम सीखने के मिलेंगे, हमारी कोशिश होगी कि उसे वहीं या अन्य जगह नौकरी मिल जाये, जिससे उसे भठकना न पड़े। 1 जून से हम इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू कर देंगे। हम उन संस्थानों का नाम भी डालेंगे जिन्हें जॉब देना है।  सरकार और कंपनी के पैसे से इतनी तो व्यवस्था हो जाएगी कि वो अपना काम चला सकेगा। बाद में उसे परमानेंट जॉब मिल जाएगी। इसमें कोई सीमा नहीं है, हमने इस बजट में 1 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 1 लाख को देना पड़े तो एक लाख को दूंगा, दो या तीन लाख को भी देना पड़े तो उनको भी यह 8000 रुपए देंगे।

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