मुख्यमंत्री शिवराज ने विधानसभा में ऐसे दिया करारा जबाव,पढ़िए

मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिसके जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तार्किक तौर पर विपक्ष के सवालों का करारा जवाब देते हुए कहा कि

ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है। अगर अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन किस पर विश्वास करता है समझ में ही नहीं आता है

कांग्रेस की सरकार में कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में भी पैसे लिए गए थे। ट्रांसफर-पोस्टिंग को धंधा बना दिया गया था। मंत्रालय दलालों का अड्डा बन गया था

सिंचाई के लिए पाइप लाइन की गुणवत्ता से भी कांग्रेस सरकार ने खिलवाड़ किया था। नियम, शर्तों से भी खिलवाड़ किया। घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग कर पैसों की बंदरबांट हुई थी

11 दिसंबर 2020 को मतगणना का दिन था। रात के 2:00 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखें और जो परिणाम आए उसमें हमारी 109 सीटें थी कांग्रेस की 114 सीटें थी।

रात में मैं निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा।

कांग्रेस तो दो-चार घंटे का धरना देती है, हम तो 48-48 घंटे के लिए बैठते थे।

मैं यह संकल्प व्यक्त करना चाहता हूं कि चाहे जिस स्थिति में रहें, मध्यप्रदेश की जनता हमारे रोम-रोम में रमी है। हमारे हर सांस में बसी है। उनकी सेवा के लिए हमारी यह जिंदगी है

कांग्रेस सरकार ने भाजपा के विधायकों, नेताओं से बदले की भावना से नियम विरुद्ध जाकर कार्रवाई करने की कोशिश की। संपत्तियों को नेस्तनाबूद करने का कुचक्र रचा, कई दुकानें तोड़ी गईं

हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए गुंडे, माफिया, बदमाशों पर कार्रवाई की, उनकी अवैध संपत्तियों को तोड़ा। लेकिन कांग्रेस सरकार ने भाजपा को निशाना बनाया था

जब तक कांग्रेस की सरकार थी बैगा, सहरिया, भारिया सहित अन्य जनजातीय समुदाय के पात्र हितग्राहियों के खातों में राशि नहीं पहुंची थी। कांग्रेस ने जनजातीय समुदाय के साथ भी धोखा किया

गरीबों के कल्याण के लिए शुरू की गई संबल योजना से लाखों गरीबों के नाम कांग्रेस की सरकार ने काट दिए। हमने बच्चों को लैपटॉप देने की योजना शुरू की थी, कांग्रेस सरकार ने लैपटॉप बांटना भी बंद कर दिया था

हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जल जीवन मिशन योजना शुरुआत की, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने यह योजना शुरू ही नहीं की

यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोड़कर हमारे साथ ना आते। हमारे पास आए साथियों का फैसला सही था और जनता ने उन्हें उपचुनाव में भारी बहुमत से फिर से निर्वाचित किया।

कोरोना संकट से निबटने के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी। मेरी सरकार के पौने दो साल तो कोरोना से निबटने में ही निकल गए। 500 से ज्यादा बैठकें मैंने कीं। दिन-रात हमारी सरकार ने काम किया।

मध्यप्रदेश की धरती पर जनजातीय समाज के कल्याण के लिए पेसा एक्ट लागू करने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया, कांग्रेस ने केवल झुनझुना पकड़ाने, छल करने का काम किया।

राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि 10 दिनों में कर्ज माफी कर दी जाएगी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया। रंग-बिरंगे फार्म, निजी और सरकारी बैंकों में भेद जैसे अलग-अलग उपायों से किसानों को उलझाया गया।

कांग्रेस ने मध्यप्रदेश पर कर्ज का बोझ लाद देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने भी रु.30 हजार करोड़ का कर्ज लिया था, हमने उसे 48 हजार करोड़ किया। उस राशि का उपयोग आधारभूत ढांचों के विकास व जनता के कल्याण के लिए कर रहे हैं और हमने कर्ज की सीमा नहीं लांघी है।

मुख्यमंत्री शिवराज के भाषण सुनकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।

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