केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने वाटरशेड यात्रा का किया शुभारंभ, कहा- ये वाटरशेड यात्रा नहीं बल्कि धरती बचाने की यात्रा है, अपनों के लिए पानी और मिट्टी बचाना है

केन्द्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल लाए धन-धान्य थीम पर आधारित वाटरशेड यात्रा का शुभारंभ किया। अभियान के तहत 805 परियोजनाओं में लगभग 60 से 90 दिनों तक वाटरशेड यात्रा वैन चलेगी, जो 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6 हजार 673 ग्राम पंचायतों के 13 हजार 587 गांवों तक जाएगी। वहीं वाटरशेड यात्रा के दौरान 1 हजार 509 ग्राम सभाएं आयोजित की जाएगी और 1 हजार 640 प्रभात फेरियां भी आयोजित की जाएगी। साथ ही 2 हजार 43 स्थानों पर भूमिपूजन और 1 हजार 999 कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा। इसके साथ ही 1 हजार 196 स्थानों पर श्रमदान और 557 स्थानों पर बागवानी वृक्षारोपण किया जाएगा। वाटरशेड यात्रा को लेकर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, जल हमारे जीवन का आधार है, जल है तो जीवन है। हम माटी से पैदा हुए और माटी में ही मिलते हैं। माटी हमारा अस्तित्व है, हमारा आधार है। इसलिए मैं आह्वान करता हूँ, अपने लिए और अपनों के लिए पानी और मिट्टी बचाएं।

धरती को बचाने की यात्रा

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द्र जी की विजनरी सोच के कारण भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग मिट्टी और जल संरक्षण के लिए पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वॉटरशेड विकास घटक की योजना को क्रियान्वित कर रहा है। इस वॉटरशेड के अंतर्गत चेक डेम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत तालाब जैसी कई संरचनाएं बनाई जाएंगी। ये संरचनाएं पानी भी बचाएंगे और माटी के क्षरण को भी रोकेंगे, सतही जल भी बहकर नहीं जायेगा और भूजल स्तर भी बढ़ेगा। भरा हुआ सतही जल आसपास के बड़े इलाके में भूजल स्तर बढ़ा देगा। माटी में नमी बनेगी, माटी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि, जरूरी है कि, हम इस योजना के साथ जुड़ें, ये काम अकेले सरकार नहीं कर सकती है, सरकार के साथ समाज का सहयोग भी बेहद जरूरी है। हर गाँव को, किसानों को, पंचायतों, जनप्रतिनिधि, माता, बहनों, NGO, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को जोड़ना है। इसके लिए हमने वॉटरशेड यात्रा निकालने का संकल्प लिया है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ये महज यात्रा नहीं बल्कि धरती को बचाने की यात्रा है।

जनता का आंदोलन बनें ये अभियान

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, इस विशेष अभियान को जनता का आंदोलन बनाएं, जन-जन इसमें जुड़ जाए। हम जनता के सहयोग से जल संरचनाएं बनायें, माटी के संरक्षण की योजनाएँ बनाएं। इस वाटरशेड यात्रा के दौरान पानी और माटी बचाने के लिए जनजागरण अभियान चलेगा और वॉटरशेड के अंतर्गत पूर्ण किये गए कामों का लोकार्पण भी होगा और नए कामों का भूमिपूजन भी होगा। इसके साथ ही वॉटरशेड महोत्सव भी मनाया जाएगा। इतना ही नहीं वॉटरशेड पंचायत उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित भी करेगी। ये वॉटरशेड यात्रा देशभर में जलसंचयन और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देगी। ये यात्रा पानी और माटी बचाने के लिए ग्रामीण जनता को एक मंच भी प्रदान करेगी। शिवराज सिंह ने कहा कि, इस यात्रा के शुभारंभ अवसर पर मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि, आगामी 2 वर्षों के लिए जनभागीदारी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया जा रहा है। अगर जनभागीदारी से हम बेहतर जल संरचना बनाते हैं, भूमि के क्षरण को रोकते हैं तो श्रेष्ठ काम करने वाली परियोजनाओं को अतिरिक्त 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए 70 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रावधान भी किया गया है। हर साल 177 परियोजनाएँ इससे लाभान्वित होंगी।

आने वाली पीढ़ियों को बचाना है

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, जल और मिट्टी दोनों ठीक दशा में न रहें, तो हमारी जिंदगी की दशा क्या होगी..? हमारी आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा..? हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी दूरदर्शी हैं, वो आने वाले 50 साल, 100 साल की सोचते हैं, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचते हैं। बिगड़ते हुए पर्यावरण के कारण भूजल का स्तर क्या रह गया है..? कई जगह पानी हजार से डेढ़ हजार फीट के नीचे चला गया है। कुछ सालो पहले नदियां बहती थी, कुएं में ऊपर तक पानी रहता था। आज कुएं भी सूख गए हैं और नदियों की धार भी खत्म हो गई। आने वाले कल में हमारी पीढ़ियाँ कैसे जीवित रहेंगी, इस बारे में हम सभी को सोचना पड़ेगा। पानी आज विश्व का सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें पानी बचाना है, भूजल स्तर को ठीक करना है। शिवराज सिंह ने कहा कि, घाटों का क्षरण हो रहा है, कई जगह जमीन बंजर हो रही है, उपजाऊ माटी बह रही है। ऐसा होता रहा तो क्या कृषि की उपज होती रहेगी..? हमें पानी भी बचाना है, माटी भी बचाना है और हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी बचाना है।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Open chat
Hello 👋
For more details contact us