BIG BREAKING : OBC आरक्षण के साथ ही होंगे पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव, SC का बड़ा फैसला
मध्यप्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद मध्यप्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी थी। राज्य सरकार ने OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की थी, जिसे स्वीकार कर लिया था। आज इसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 के परिसीमन को मंजूरी दे दी है। अब ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव होंगे, लेकिन 50% से ज्यादा आंकड़े ना हों। यह सीएम शिवराज और बीजेपी सरकार के लिए बड़ी जीत है। शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को सुप्रीम कोर्ट का समर्थन मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 50 परसेंट तक ओबीसी आरक्षण दे सकते हैं।
जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला करते हुए कहा था कि मध्यप्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव होंगे। इसके साथ ही दो सप्ताह के अंदर ही चुनाव आयोग को अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए थे। इस फैसले पर सीएम शिवराज ने मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का विस्तृत अध्ययन हमने नहीं किया है, लेकिन ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत के चुनाव हों इसके लिए रिव्यु पिटीशन हम दायर करेंगे और पुनः आग्रह करेंगे कि स्थानीय निकायों के चुनाव OBC आरक्षण के साथ हों। इतना ही नहीं सीएम शिवराज का विदेश दौरा 14 मई से होने वाला था लेकिन न्यायालय में पुनः पक्ष रखने के लिए और ओबीसी के हितों को देखकर उन्होंने विदेश दौरा निरस्त कर दिया था।
बता दें, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 मई को दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ मीटिंग की थी। यहां तय किया गया कि संशोधन याचिका में तर्क दिया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद 15 दिन में चुनाव कराना संभव प्रतीत नहीं होता, क्योंकि पंचायतों का आरक्षण नहीं हुआ है। सरकार की तरफ से वकील कोर्ट में यह भी कह सकते हैं कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने पर कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।
SC के फैसले के बाद कांग्रेस ने जताया विरोध
इस फैसले के बाद कांग्रेस ने विरोध जताया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि यह घोर अन्याय है इस पर कांग्रेस विरोध करेगी। हम फिर से कानूनी कार्यवाही करेंगे। इस पूरे मामले से यह बात सामने निकल कर आई कि अब काँग्रेस एक बार फिर से कोर्ट के दरवाजे खटखटाएगी।