शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को दी गई भू-समाधि, द्वारका-शारदा पीठ और ज्योतिष पीठ के नए उत्तराधिकारी घोषित

नरसिंहपुर। द्वारका-शारदा पीठ और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार को भू-समाधि दी गई। उन्हें नरसिंहपुर स्थित गंगा परमहंसी आश्रम में वैदिक मंत्रोचार और राजकीय सम्मान के साथ भू-समाधि दी गई। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को भजन कीर्तन करते हुए भक्तजन पालकी पर बैठाकर समाधि स्थल तक लेकर पहुंचे। सीएम शिवराज, पूर्व सीएम कमलनाथ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, विधायक जयवर्धन सिंह, एनपी प्रजापति समेत कई दिग्गज नेताओं ने नरसिंहपुर स्थित उनके आश्रम पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती हिंदू धर्म के ध्वजवाहक थे। हमारी संस्कृति और मूल्यों के पोषक, योद्धा सन्यासी थे, उन्होंने देश को आजाद कराने की लड़ाई लड़ी और करोड़ों भक्तों को सत मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। पिछले दिनों वह 99 वर्ष के हुए थे, उन्होंने 9 वर्ष की आयु में ही अपना घर छोड़ दिया था। वह विद्वान, वेद, उपनिषद, शास्त्रों के ज्ञाता थे। उन्होंने संपूर्ण जीवन सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में लगाया और गरीबों, जनजातियों, दलितों की सेवा की संस्कृत पाठशाला, विद्यालय, नेत्र चिकित्सालय खुलवाए थे।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और सदानंद को मिली मठों की जिम्मेदारी

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद सोमवार को उनके उत्तराधिकारी घोषित कर दिए गए। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के दो शिष्यों को अलग-अलग मठों की जिम्मेदारी मिली है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख बनाया गया। इसकी घोषणा शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर के सामने उनके निज सचिव सुबोद्धानंद महाराज ने की। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अब से आप दोनों पीठों का कामकाज संभालेंगे।

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