पुलिसकर्मियों की 208 लड़कियां हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई करेंगी

भोपाल- सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के पुलिसकर्मियों की लड़कियों के लिए भोपाल में हॉस्टल बनकर तैयार हो गया है। इसमें 208 लड़कियों के ठहरने की व्यवस्था है। ऐसे हॉस्टल इंदौर और ग्वालियर में भी बनाए गए हैं। इनमें लड़कियां रहकर अपनी पढ़ाई कर सकेंगी। मध्य प्रदेश पुलिस में पहली बार पुलिस जवानों और अफसरों की लड़कियों के लिए यह व्यवस्था की गई है।

डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार के प्रयासों से बने इन हॉस्टल में एक जुलाई से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की बेटियों के लिए हॉस्टल बनाने की प्रक्रिया करीब 6 साल पहले शुरू हुई थी। भोपाल में गोविंदपुरा पुलिस लाइन के पीछे यह हॉस्टल बनकर तैयार हैं। इसमें 104 रूम बनाए गए हैं। जिसमें 18 से 26 वर्ष तक की लड़कियां रहकर पढ़ाई कर सकती है। भोपाल में 208, इंदौर में 162 और ग्वालियर में 148 लड़कियां के रहने की व्यवस्था इन हॉस्टल में रहेगी।

तीन साल तक ही रह सकेंगी लड़कियां

पुलिस कल्याण शाखा ने तय किया है कि इसमें किसी भी लड़की को तीन साल की अवधि तक ही प्रवेश दिया जाएगा। तीन साल से ज्यादा हॉस्टल के उपयोग की पात्रता किसी को नहीं दी जाएगी। यह भी तय कर दिया गया है कि ये हॉस्टल जिला पुलिस बल संचालित करेगा। हॉस्टल के लिए एक समिति बनाई जाएगी। जिसमें भोपाल और इंदौर के संबंधित जोन के डीसीपी अध्यक्ष होंगे। वहीं, पुलिस कमिश्नर किसी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त या सहायक आयुक्त स्तर की महिला पुलिस अधिकारी को इस समिति का सचिव बनाएंगे। ग्वालियर में इस समिति के अध्यक्ष एसपी होंगे। हालांकि इन हॉस्टल में किराया कितना देना होगा, यह तय नहीं हुआ है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि हॉस्टल में प्रदेश के किसी भी शहर के पुलिसकर्मी की लड़की डिग्री करने या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए तीन साल तक रह सकेगी। हॉस्टल में मेस की सुविधा नहीं होगी, लेकिन लड़कियां मिलकर मेस संचालित कर सकेगी।

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