राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बोला सीधा हमला, बोले- इलेक्टोरल डेटा मिले तो साबित कर देंगे चुनावी चोरी। आयोग बोला हलफनामा दें राहुल।

नई दिल्ली- राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार महज 25 सीटों के छोटे अंतर से सत्ता में आई है, जिनमें से कई सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी ने 35,000 या उससे भी कम वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि, यदि हमें चुनावी डेटा दे दिया जाए, तो हम यह प्रमाणित कर देंगे कि मोदी जी ने चोरी कर, तीसरी बार प्रधानमंत्री पद हासिल किया है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा के गंभीर आरोपों पर अब चुनाव आयोग ने भी सीधा जवाब दिया है। आयोग ने कहा है कि, अगर राहुल गांधी अपने दावों को सच मानते हैं, तो उन्हें इस संबंध में हलफनामा जमा करना चाहिए। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि, यदि वे अपने आरोपों को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, तो उन्हें देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

राहुल का चुनाव आयोग पर सीधा हमला

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से पिछले 10 वर्षों की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और संबंधित वीडियोग्राफी सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि, अगर यह जानकारी नहीं दी जाती तो यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि संवैधानिक अपराध होगा। भाजपा को चुनावी धांधली की खुली छूट दी जा रही है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि, पूरा देश चुनाव आयोग से पारदर्शी वोटिंग डेटा की मांग करे, क्योंकि यह लोकतंत्र की आत्मा का सवाल है। दरअसल राहुल गांधी ने ये बातें कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित फ्रीडम पार्क में आयोजित कांग्रेस की वोट अधिकार रैली में कही। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मंच पर मौजूद रहे। वोट अधिकार रैली से पहले राहुल गांधी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, वोट चोरी सिर्फ एक चुनावी गड़बड़ी नहीं, बल्कि यह संविधान और लोकतंत्र से धोखा है। देश के गुनहगार सुन लें वक्त बदलेगा, सजा जरूर मिलेगी।

हर छठा वोट चोरी का शिकार

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि, कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर कुल 6.50 लाख मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 1 लाख 250 वोट कथित रूप से धांधली के जरिए डाले गए, यानी हर 6 में से 1 वोट फर्जी था। यह गड़बड़ी पाँच अलग-अलग तरीकों से अंजाम दी गई। सबसे प्रमुख तरीका था डुप्लीकेट वोटर, यानी एक ही व्यक्ति के नाम पर कई पहचान-पत्र बनाए गए, जिससे उसने 5-6 अलग-अलग पोलिंग बूथों पर मतदान किया। यह मामला केवल तकनीकी चूक नहीं बल्कि एक सुनियोजित और संगठित चुनावी हेराफेरी का संकेत देता है, जो लोकतंत्र की बुनियाद को झकझोर सकता है। उन्होंने कहा कि, इन लोगों का कोई एड्रेस भी नहीं है। करीब 40 हजार ऐसे वोट हैं। एक एड्रेस पर कई वोटर हैं। एक बेडरूम के घर में 40-50 वोटर दिखा दिए। जब हम उन्हें ढूंढने गए तो वहां कोई नहीं था। उस घर का मालिक बीजेपी नेता निकला। कर्नाटक में सरकार को धनबल से हड़पा गया था। यह कोई आरोप नहीं, बल्कि सुनियोजित राजनीतिक खरीद-फरोख्त का उदाहरण है। मेरे पास ऐसे ठोस प्रमाण हैं जो दर्शाते हैं कि, लोकसभा चुनावों में भी धांधली हुई है। भाजपा की विचारधारा सीधे तौर पर संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।

राजनीति में नया घमासान

दरअसल एक दिन पहले राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में 1 घंटे 11 मिनट लंबा प्रजेंटेशन दिया, जिसमें उन्होंने वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक, तमिलनाडु और हरियाणा में चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर काम किया, जिससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस खुलासे के बाद देश की राजनीति में नया घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीखा हमला करते हुए कहा कि, पहले चुनाव आयोग जनता और विपक्ष के सवालों का जवाब देता था, लेकिन आज ECI सत्ता पक्ष का प्रवक्ता बन गया है। वह विपक्ष की मांगों को नजरअंदाज कर सिर्फ आरोप लगाने में व्यस्त है।

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