किसानों के हक में अडिग मोदी, बोले- चाहे जो कीमत चुकानी पड़े, अपने अन्नदाताओं के हितों से समझौता नहीं।

नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ने अमेरिकी टैरिफ का जिक्र किए बिना एक बार फिर साफ कर दिया है कि, भारत अन्नदाताओं के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने दिल्ली स्थित पुसा परिसर में आयोजित एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दिल्ली में कहा कि, हमारे किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने ये भी कहा कि, मैं जानता हूँ कि, व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूँ।

मोदी की तीन बड़ी बातें, किसानों का हित सर्वोच्च

  1. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन ने खाद्य सुरक्षा को जीवन का ध्येय बनाया। कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं, जिनका योगदान किसी एक युग या क्षेत्र तक सीमित नहीं रह जाता। स्वामीनाथन जी ऐसे ही महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने देश की खाद्य सुरक्षा को अपने जीवन का सर्वोच्च ध्येय बनाकर उसे एक जीवंत मिशन में परिणत कर दिया। उनकी दूरदर्शिता ने ऐसी चेतना जगाई, जो आने वाली अनेक शताब्दियों तक भारत की नीतियों और प्राथमिकताओं का मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने कहा कि, किसानों की आय बढ़ाना, खेती पर खर्च कम करना आय के नए स्त्रोत बनाने के लक्ष्यों पर हम लगातार काम कर रहे हैं।
  • वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, मेरा स्वामीनाथन के साथ जुड़ाव कई वर्ष पुराना रहा है। गुजरात की पुरानी कृषि चुनौतियाँ जैसे सूखा, चक्रवात और कच्छ में बढ़ता रेगिस्तानीकरण अपने आप में गहरी चिंता का विषय थीं। मुख्यमंत्री रहते हुए, हमने मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की थी, ताकि किसानों को अपनी जमीन की वास्तविक हालत का पता हो सके। प्रो. स्वामीनाथन इस पहल में गहरी रुचि रखते थे। उन्होंने व्यापक रूप से हमारा मार्गदर्शन किया और मूल्यवान सुझाव दिए।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, PM किसान सम्मान निधि से मिलने वाली सीधी सहायता ने छोटे किसानों को आत्मबल दिया है। PM फसल बीमा योजना ने किसानों को जोखिम से सुरक्षा दी है। सिंचाई से जुड़ी समस्याओं को PM कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से दूर किया गया है। 10 हजार FPOs के निर्माण ने छोटे किसानों की संगठित शक्ति बढ़ाई है। e-NAM की वजह से किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी हुई है।

यह भाषण नहीं, राष्ट्रनायक की प्रतिज्ञा थी

स्वामिनाथन जन्म शताब्दि समारोह में देश के कृषि और किसाल कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहे। इस दौरान शिवराज सिंह ने कहा कि, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूसा परिसर में यह कहा कि भले मेरा नुकसान हो जाए लेकिन किसानों का नुकसान नहीं होने दूंगा, तब ऐसा लगा जैसे करोड़ों किसानों की आत्मा को आवाज़ मिल गई हो। यह शब्द नहीं, संकल्प था, यह भाषण नहीं, राष्ट्रनायक की प्रतिज्ञा थी। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री जी के कण-कण में किसान कल्याण और क्षण-क्षण में राष्ट्र का सम्मान समाहित है। इसी कारण आज भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है और किसी के सामने झुकता नहीं है, बल्कि अपनी नीति खुद तय करता है। आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विकसित भारत का जो महायज्ञ चल रहा है, उसमें हमारे किसान भाई-बहन सबसे आगे हैं। एक ओर देश की अर्थव्यवस्था नई ऊँचाई पर पहुँच रही है, तो दूसरी ओर किसानों की समृद्धि के द्वार खुल रहे हैं। पहले की सरकारों में किसान नीतियों का विषय नहीं, केवल नारों का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन आज, हर योजना के केंद्र में किसान है। चाहे पीएम किसान सम्मान निधि हो या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हर कदम किसान को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। मैं जब प्रधानमंत्री जी को देखता हूँ तो मुझे किसी सत्ता के शिखर पर बैठा व्यक्ति नहीं, बल्कि जनता के बीच से निकला एक तपस्वी दिखता है। ऐसा नेतृत्व सचमुच सौभाग्य से ही मिलता है, जिसके लिए राष्ट्र प्रथम हो।

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