फ़िल्म पठान के बेशर्म गाने से हटेगी भगवा बिकनी

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने किया सेंसर बोर्ड के फैसले का स्वागत,कहा रील लाइफ, रियल लाइफ पर असर डालती है फ़िल्म मेकर्स ध्यान रखे
भोपाल।शाहरुख खान कि फ़िल्म पठान के गाने बेशर्म रंग में अब भगवा बिकनी दिखाई नही देगी।इसके अलावा भी कई बदलाव फ़िल्म में देखने को मिलेंगे।मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने फ़िल्म के इस गाने में आपत्तिजनक दृश्यों को लेकर नाराजगी जताई थी। उसके बाद देश भर में इस गाने को लेकर आक्रोश सड़को पर आ गया। पहली बार ऐसा हुआ कि साधु संतों के साथ मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी इसका विरोध किया । भगवा अपमान का ऐसा विरोध देश में पहली बार देखने को मिला। विरोध को देखते हुए सेंसर बोर्ड ने अब गाने से भगवा बिकनी हटाने को कहा है।
फ़िल्म सेंसर बोर्ड के इस फैसले का गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि
सेंसर बोर्ड का निर्णय सराहनीय है। जब यह मामला मेरे सामने आया था तभी मैंने कहा था कि यह दूषित मानसिकता से बहुसंख्यक वर्ग की भावनाओं को आहत करने का एक कुत्सित प्रयास है। रील लाइफ रियल लाइफ पर भी असर डालती है, इस बात का निर्माताओं को, निर्देशकों को और कलाकारों को, सभी को ध्यान रखना चाहिए
बता दे गृह मंत्री डॉ मिश्रा ने पठान फ़िल्म के बेशर्म गाने में आपत्तिजनक गाने को लेकर फ़िल्म मेकर्स को चेतावनी भी दी थी कि अगर आपत्तिजनक दृश्य नही हटाए गए तो फ़िल्म को मध्यप्रदेश में रिलीज करने पर विचार किया जाएगा।
डॉ मिश्रा के बयान के बाद देश भर में हंगामा मच गया।साधु संतों के साथ ही मुस्लिम धर्म गुरु भी विरोध में उतर आए। देश के विभिन्न हिस्सों में गाने कि अश्लीलता और भगवा बिकनी के विरोध में प्रदर्शन हुए।
देश मे भारी विरोध को देखते हुए फ़िल्म सेंसर बोर्ड सक्रिय हुआ।
सेंट्रेल बोल्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन ने गुरुवार को इस फिल्म के कुछ सीन और गाने में बदलाव करने के सुझाव दिए । सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन प्रसून जोशी ने ‘पठान’ के मेकर्स को फिल्म को रिलीज करने से पहले कुछ सीन और गाने में बदलाव कर, इसका रिवाइज्ड वर्डन सेंसर बोर्ड में सबमिट करने को कहा है।
सेंसर बोर्ड के सुझाव के मुताबिक फिल्म को बारीकी से देखने के बाद इसमें कई बदलाव किए जाने चाहिए। प्रसून जोशी ने कहा,”सेंसर बोर्ड हमेशा से ही क्रिएटिविटी और दर्शकों की संवेदनशीलता के बीच बैलेंस बनकर रखता है। हमें विश्वास है कि बातचीत के जरिए कोई न कोई रास्ता हम निकाल सकते हैं।