छत्तीसगढ़ : पत्रकार विरोधी और तानाशाह छत्तीसगढ़ सरकार

अम्बिकापुर के पत्रकार जितेंद्र कुमार को पिछले तीन दिनों से रायपुर एसडीएम निधि साहू न तो जमानत दे रही हैं, न जमानत खारिज कर रही हैं। जितेंद्र को प्रतिबन्धात्मक धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो जमानती है और आदमी थाने से ही मुचलके पर छूट जाता है। जमानत देने से पहले एसडीएम मामले की जांच करा रही हैं। किस बात की जांच करा रही हैं, इसकी जानकारी भी उनकी ओर से नहीं दी जा रही है। उनका कहना है, जब जांच प्रतिवेदन आ जायेगा तभी जमानत पर विचार किया जाएगा। मतलब 15 दिन जांच प्रतिवेदन नहीं आएगा तो 15 दिन जमानत नहीं मिलेगी।

जितेंद्र पत्रकार हैं और रायपुर में रिपोर्टिंग करने के दौरान उन्हें जबरन गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उन्हें पुलिस परिवार का सदस्य बता कर गिरफ्तार की है, जबकि वे अपने पत्रकारिता का काम कर रहे थे। वे पुलिस परिवार के आंदोलन का कवरेज करने आये हुए थे। वे अपने अखबार और चैनल में पुलिस परिवार की समस्याओं को लेकर लगातार मुखर रहे हैं।

जितेंद्र का नाम किसी एफआईआर में भी नहीं है। सिर्फ प्रतिबन्धात्मक धारा में गिरफ्तार कर उन्हें सीधे जेल भेज दिया गया। उन्हें अभी तक किसी भी कोर्ट में फिजिकली पेश नहीं किया गया है। एसडीएम से बात करने पर वे बोलती हैं-‘मामला आप लोग जानते हैं। गिरफ्तारी क्यों हुई है, ये भी आप लोग जानते हैं। मैं जांच प्रतिवेदन के बिना कुछ नहीं कर पाऊंगी।’ एसडीएम पर जमानत न देने का दबाव आखिर किसका है ?

एसडीएम न ही जमानत दे रही हैं और न याचिका खारिज कर रही हैं। अगर में याचिका खारिज कर देती हैं, न्यायालय में याचिका लगाई जा सकती है, लेकिन प्रशासन, सरकार जमानत होने ही नहीं दे रही है। गुरुवार को एसडीएम के समक्ष पट्टा भी पेश किया गया, लेकिन उनके दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख तक नहीं किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार पत्रकार विरोधी और तानाशाही रवैये पर काम कर रही है। राज्य में पत्रकारिता बेहद मुश्किल होते जा रही है। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद स्थिति और बुरी हो गई है। उच्च पदों पर बैठे पत्रकार सरकार का तलवा चाटने लग गए हैं। बाकी सिर्फ नौकरी कर पा रहे हैं। उन्हें बोलने-लिखने नहीं दिया जा रहा है। नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। चार-पांच सौ किलोमीटर दूर ट्रांसफर करवा दिया जाता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खत्म कर दी गई है।

अगर जितेंद्र कुमार को जल्द जमानत नहीं दी जाती तो छत्तीसगढ़ सरकार इसका खामियाजा भुगतने को तैयार रहे। इस बार पूरे प्रदेश में फ्री प्रेस की बात करने वाले राहुल गांधी का पुतला जलाया जाएगा। छत्तीसगढ़ में कहां है फ्री ? प्रेस उनसे पूछा जाएगा। हमारी तैयारी पूरी है।

याचना नहीं अब रण होगा, जीवन जय या की मरण होगा…।

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