स्कूलों में गीता,महाभारत और रामचरित मानस का पाठ पढ़ाया जाएगा,मुख्यमंत्री की घोषणा

भोपाल- सुघोष दर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज सुघोष के साथ ही जो अद्भुत रचनाएँ बच्चों ने बनाईं, उससे मन आनंद और प्रसन्नता से भर गया। मैं सभी भैया-बहनों को बधाई देता हूँ।

भारत को आजादी अंग्रेजों ने चांदी की तश्तरी में रखकर भेंट नहीं की थी, इसके लिए असंख्य क्रांतिवीरों ने अपनी शहादत दी।

आजादी का श्रेय केवल एक खानदान को दिया गया, जबकि इस लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस, दुर्गा भाभी, सरदार पटेल सहित कई लोगों ने अपना योगदान दिया।

मैं नेताजी के चरणों में बारंबार प्रणाम करता हूँ। मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को भी धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने ऐसे क्रांतिवीरों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।

आज सुघोष दर्शन के माध्यम से नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई हैं

राम के बिना यह देश जाना नहीं जाता है। राम हमारे रोम-रोम में बसे हैं। इस देश में जब सुख होता है, तो राम का नाम लिया जाता है और दुख होता है तो भी राम का नाम लिया जाता है।

रामायण हो, महाभारत हो, वेद हों, उपनिषद हों, श्रीमद्भगवद्गीता हो यह अमूल्य ग्रंथ हैं हमारे

और इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक बनाने की मनुष्य को पूर्ण बनाने, संपूर्ण बनाने की क्षमता है।

इसलिए हमारे धर्म ग्रंथों की शिक्षा भी, मैं मुख्यमंत्री होने के नाते भी कह रहा हूं। हम तो शासकीय विद्यालयों में भी देंगे।

गीता जी का सार पढ़ाएंगे, रामायण जी , रामचरितमानस जी पढ़ाएंगे, महाभारत के प्रसंग पढ़ाएंगे। क्यों नहीं पढ़ाना चाहिए भगवान राम को।

यह ग्रंथ देने वाले रामायण जी रामचरितमानस जैसे तुलसीदास जी, तुलसी बाबा मैं उनको प्रणाम करता हूं।

मध्यप्रदेश में हमारे इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को नैतिक भी बनाएंगे, पूर्ण भी बनाएंगे।

शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा इन सब का सुख वह प्राप्त कर सके ऐसा बनाने का प्रयास करेंगे।

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