जानिए जेपी अस्पताल में ऐसा क्या हो गया कि बच्चों के रोने की आवाज सुनकर दौड़ पड़े विधायक पीसी शर्मा

भोपाल। राजधानी के जेपी अस्पताल (1250 अस्पताल) में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। काफी समय से खराब पड़ी अस्पताल की लिफ्ट में फंसे दो बच्चों के रोने की आवाज सुनकर अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल बन गया। लोगों ने बच्चों को बचाने का प्रयास शुरू किया लेकिन इस दौरान वहां पर लिफ्टमैन और टेक्नीशियन मौजूद नहीं थे। लिफ्ट में बच्चों के फंसे होने की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में टेक्नीशियन और लिफ्टमैन को बुलवाकर काफी मशक्कत के बाद दोनों बच्चों को सकुशल बाहर निकलवाया।

बताया जा रहा है कि सोमवार शाम करीब 5 बजे जेपी अस्पताल की नई बिल्डिंग में स्थित लिफ्ट में 8 और 10 वर्ष के दो बच्चे चढ गए और उन्होंने जल्दबाजी में लिफ्ट का बटन दबा दिया। जब काफी देर तक लिफ्ट का गेट नहीं खुला तो बच्चों ने रोना शुरू कर दिया। बच्चों के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया। बताया जा रहा है कि उस दौरान वहां पर कोई लिफ्टमैन भी मौजूद नहीं था। अस्पताल प्रबंधन ने मामले की सूचना मिलते ही तत्काल टेक्नीशियन और लिफ्टमैन को बुलाया और करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद बच्चों को बाहर निकाला जा सका। वहीं जेपी अस्पताल अधीक्षक ने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।

पीसी शर्मा ने अस्पताल पहुंच कर ली जानकारी

जेपी अस्पताल की लिफ्ट में दो बच्चों के फंसे होने की सूचना मिलते ही तत्काल स्थानीय विधायक पीसी शर्मा मौके पर पहुंच गए। हालांकि तब तक बच्चों को लिफ्ट से बाहर निकाल लिया गया था। विधायक ने अस्पताल प्रबंधन और अभिभावकों से मुलाकात कर बच्‍चों का हालचाल जाना।

लिफ्ट सुधरवाने नहीं जारी हुए टेंडर

बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा लिफ्ट का ठीक से रखरखाव नहीं कराया जा रहा था। मैटरनिटी बिल्डिंग की दोनों लिपटे काफी समय से बंद है। अस्पताल प्रबंधन ने लिफ्ट को सुधरवाने के लिए कोई पहल नहीं की और अब तक कोई टेंडर भी जारी नहीं किए हैं।

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