जानिए आखिर क्यों बदला गया नौसेना का ध्वज
केरल। शुक्रवार को नौसेना को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत मिल गया। पीएम मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में करीब डेढ़ घंटे चली कमिश्निंग सेरेमनी में यह एयरक्राफ्ट कैरियर नौसेना को सौंपा है। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेता और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। नौसेना को नया नौसेना ध्वज भी सौंपा गया है। इसमें अब अंग्रेजों की निशानी क्रॉस के लाल निशान को हटाते हुए अब इसमें तिरंगे और अशोक चिन्ह को लगाया गया है। इस ध्वज को पीएम मोदी ने महाराज शिवाजी को समर्पित किया है।
कोच्चि में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा आईएनएस विक्रांत भारत सरकार के डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशों का सबसे बड़ा उदाहरण है। आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो अपनी तकलीफ से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं। आईएनएस विक्रांत का 75% सामान स्वदेशी है। पहले नौसेना के ध्वज में अंग्रेजों के सेंट जॉर्ज का क्रॉस लगा रहता था जिसे हटाकर अब छत्रपति शिवाजी महाराज के राज चिन्ह को शामिल किया गया है। अब नौसेना को एक ऐसा युद्धपोत मिल गया है जो अपने आप में एक तैरता एयरफील्ड और शहर है। इस पर बनने वाली बिजली से 5000 घर रोशन हो सकते हैं। यह भारतीयों की प्रतिभा का उत्तम उदाहरण है।शआईएनएस विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है।