राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को जल्द मिलेगा उच्च पदों पर प्रभार
- प्रमोशन में आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट से 17 अगस्त को आ सकता है अहम फैसला
भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ होता दिख रहा है। अब गृह एवं पुलिस विभाग की तरह ही अन्य विभागों में भी अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार देने का फैसला राज्य सरकार ने किया है। राजस्व विभाग ने प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू-अभिलेख से उच्च पदों का प्रभार देने के लिए तहसीलदारों और राजस्व निरीक्षकों की सूची मांगी है, जो इन पदों पर पांच वर्ष कार्य कर चुके हैं। अब तहसीलदार को डिप्टी कलेक्टर और राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार पद का प्रभार मिलेगा।
मध्य प्रदेश में वर्ष 2016 से कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अब तक कई अधिकारी-कर्मचारी बिना पदोन्नती के सेवानिवृत्त हो चुके हैं ऐसे में राज्य सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है और उच्च पदों का प्रभार देने का फैसला किया है। प्रदेश के गृह और जेल विभाग के बाद अब राजस्व विभाग ने अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पद पर प्रभार देने का फैसला हुआ है और इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने अन्य विभागों को भी निर्देश दिए हैं कि वे भी इस तरह उच्च पदों का प्रभार दे सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि प्रमोशन में आरक्षण मामले में 17 अगस्त को अहम फैसला सुप्रीम कोर्ट से आ सकता है।