Bhopal में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘आरोग्य मंथन’ का किया शुभारंभ, CM शिवराज हुए शामिल, जानिए क्या कहा
भोपाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कुशाभाऊ अंतर्राष्ट्रीय समागम केन्द्र भोपाल में आरोग्य मंथन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे उपस्थित रहे।कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर में आरोग्य भारती की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस दौरान रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोविड जैसी अदृश्य बीमारी से बहुत कम लोग ऐसे रहे, जो प्रभावित होने से बचे। देश और दुनिया के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाकर मानव जीवन की रक्षा की। वैज्ञानिकों का अभिनंदन करता हूं।
राष्ट्रपति कोविंद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उचित आहार विहार करने वाले, अपने काम के प्रति समुचित चेष्ठा करने वाले तथा ठीक समय पर सोने और जागने वाले व्यक्ति का योग पूर्ण जीवन उनके समस्त दुखों को समाप्त कर देता है। केवल भारत और प्रदेश का ही नहीं बल्कि दुनिया का स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो, उस दिशा में हमारा देश कैसे काम करें। यह पवित्र काम आरोग्य भारती ने अपने हाथ में लिया है।
राष्ट्रपति कोविंद ने सीएम की बात को कोट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी ने भी उसकी बात कही है.. कि जैसा खाएंगे अन्न वैसा बनेगा मन।इन सबकी बातों को लेकर के यदि व्यक्ति आगे बढ़ता है तो उसका स्वास्थ्य सही मायने में उसके हाथ में ही होता है। और जब वो अपने हाथ से निकल जाता है तो उसको स्वाभाविक है डॉक्टर के पास ही जाना पड़ेगा और कोई उसका इलाज नहीं कर सकता।
वहीं सीएम ने अपने भाषण में कहा कि मध्यप्रदेश देश का दिल है, मध्यप्रदेश की जनता हमारे राष्ट्रपति जी को दिल से चाहती है, क्योंकि उनका सामाजिक कार्यकर्ता रहते हुए यहाँ से अद्भुत नाता रहा है। आपके विचार हम सबकी प्रेरणा का एक केंद्र है। आयुर्वेद और यूनानी पद्धति एक दूसरे के पूरक हैं। कोरोना काल में जितने भी पद्धतियां थी मैंने सब का उपयोग किया। करोड़ों परिवारों में त्रिकुट का काढ़ा बाटने का कार्य किया, योग से निरोग अभियान शुरू किया। हमने कोरोना काल में घर-घर काढ़ा बाँटा। उस समय क्या दवाई दें, यह स्पष्ट नहीं था। हमने योग से निरोग अभियान चलाया। आइसोलेशन के मरीजों को ऑनलाइन योग सिखाने की व्यवस्था की। इन सबको मिलाकर परिणाम अच्छे निकले।
सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी प्राकृतिक खेती का अभियान चला रहे हैं। इससे कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कम होगा, यह स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। हम क्या खाएँ, कैसा खाएँ, यह भी तय करना होगा। सर्जरी में एलोपैथिक का कोई मुकाबला नहीं है। हम सभी पद्धतियों को मिलाकर देश और विश्व के कल्याण में भागीदार बनें, इस दिशा में काम होता रहे, मेरी यही शुभकामना है।
एलोपैथी और आयुर्वेद परस्पर पूरक हैं
सीएम ने विवाद को हल करते हुए बताया कि जब यह बहस होती है कि, एलोपैथी अच्छी है या आयुर्वेद अच्छा है यूनानी अच्छी है। तब आपने कहा “यह एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं है परस्पर पूरक हैं।”कोविड में इसका उदाहरण हम सभी ने देखा। इसलिए कैसे इन सभी चिकित्सक पद्धतियों को हम एक मंच पर लाएं यह विचार सच में अभिनंदनीय है। इसके लिए मैं, आरोग्य भारती का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्
सीएम ने बताया कि दुनिया में हमारे यहां का पहला सुख निरोगी काया है। शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम् , स्वस्थ शरीर के बिना काम नहीं चलता और स्वास्थ्य भी केवल शारीरिक नहीं मानसिक, बौद्धिक, भावनात्मक भी चाहिए। केवल पहलवान बनने से काम नहीं चलता। इसलिए कैसे यह सारे स्वास्थ्य हम हासिल कर सकें। उसके लिए भी एक सामान्य नागरिक के नाते सोचता हूं कोई बीमारी ना हो तो उसके लिए योग और प्राणायाम, ध्यान यह रामबाण है मैं, स्वयं करता हूं। एक बार ईश्वर से नाता जोड़ने की कोशिश करते हैं सुपर पावर से जुड़ जाओ तो मन की कई तकलीफ समाप्त हो जाती है मन ऊर्जा से भर जाता है कई बार सुबह 6:30 बजे से ही काम में लग जाते है आनंद आता है। इसका भी अपना महत्व है कई हम स्वस्थ रहने में हम उपयोग करें। सीएम बोले कि दूसरा जैसा खाएं अन्न वैसा बने मन। हमारे यहां कहा गया है जैसा खाओगे वैसे बनोगे।