80 वर्ष की आयु में बैगा चित्रकारी की बदौलत जोधिया बाई बैगा राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गई हैं । 8 मार्च को महिला दिवस पर उन्हें दिल्ली में राष्ट्रीय मातृ शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी क्षण का सपना देखते हुए उनके गुरु स्वर्गीय आशीष स्वामी अप्रैल 2021 में दुनिया से विदा हो गए। आखिरकार इस बूढ़ी आदिवासी महिला ने ऐसा कर दिखाया। उमरिया के एक छोटे से गांव लोढ़ा की रहने वाली जोधैया बाई बैगा ने आसमान से भी ऊंची उड़ान भरी है। 80 साल की उम्र में जब लोगों की उम्मीदें टूट रही हैं, तब जोधैया बाई की उड़ान नई ऊंचाइयों को छू रही है।
मिलान और पेरिस में हो चुकी है चित्रों की प्रदर्शनी
उनके चित्रों को पेरिस, मिलान इटली, फ्रांस में आयोजित आर्ट गैलरी में प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा इंग्लैंड, अमेरिका और जापान आदि में बनी बैगा जनजाति के पारंपरिक चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।