जब शिवराज बोले ‘अपन रिजेक्टेड नहीं हैं’, इलेक्टेड फॉर्मर CM हूं

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पुणे की एमआईटी युनिवर्सिटी में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित 13वें भारतीय छात्र संसद कार्यक्रम में सहभागिता की। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, स्वामी विवेकानंद जी ने उद्घोष किया कि, हम सब एक हैं, हम सब में एक चेतना है। उन्होंने कहा कि, प्राणियों में सद्दभावना हो, केवल हमारा नहीं विश्व का कल्याण हो। स्वामी विवेकानंद जी ने आह्वान करते हुए कहा कि, तुम केवल साढ़े तीन हाथ के हाड-मास के पुतले नहीं हो। तुम अमृत के पुत्र हो, दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जो तुम नहीं कर सकते हो।

तुम ईश्वर के अंश हो

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि, मैं राजनीति में इसलिए आया कि विवेकानंद जी के वो शब्द मुझे हमेशा से ही प्रेरित करते थे कि, तुम अनंत शक्तियों का भंडार हो, तुम ईश्वर के अंश हो और जीवन इसलिए नहीं है कि ये व्यर्थ गवाया जाए, ये बेकार किया जाए। जब मैं सातवीं में पढ़ता था तब पहला आंदोलन मैंने अपने गांव के मजदूरों के लिए किया। उनको मजदूरी पैसे में नहीं अनाज में मिलती थी एक बर्तन में नापकर ढाई पाई मिलती थी। मैंने कहा ढाई पाई नहीं पांच पाई लेंगे। मंदिर पर बैठक बुलाई, थोड़े से लोग आए क्योंकि मेरी उम्र बहुत छोटी थी, और बाद में 20-25 मजदूरों को लेकर जुलूस निकालकर आगे बढ़े। मन में अगर होती है काम करने की तड़प होती है, मन में अगर आग होती है, तो मैं आपसे कहता हूं वो काम आपको बड़े से बड़ा व्यक्ति बना सकता है।

रिजेक्टेड नहीं इलेक्टेड फॉर्मर सीएम हैं

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, विधानसभा चुनावों में कई चुनावी विश्लेषकों ने कहा था कि, मध्यप्रदेश में भाजपा नहीं जीतेगी। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि क्लीन स्वीप करेंगे। मैंने तय किया कि किसी भी कीमत पर मैं पार्टी को जिताऊंगा, कोई ताकत मुझे जीतने से नहीं रोक सकती। एक संकल्प पैदा हुआ और उसके अनुरूप काम किया। जब परिणाम आए, तब कांग्रेस ने नहीं, भाजपा ने क्लीन स्वीप किया। सबसे ज़्यादा वोट आए और सबसे शानदार सीटें आईं। मुझे कहा फॉर्मर चीफ मिनिस्टर, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं। अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का स्नेह और प्यार मिलता है। यही अपनी असली दौलत है। छोड़ दिया इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करुंगा। मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए है।

राजनीति में आने से डरो मत

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, आप सोचो इंडिविजुअल रहकर काम करना चाहो तो अकेले रहकर कितना काम कर सकते हो। मैं शिवराज अकेला करता तो अपनी पत्नी के साथ 5 बेटियों की शादी करता, 50 बेटियों की शादी करता लेकिन मैं राजनीति में आया एमएलए बना, सांसद बना और मुख्यमंत्री बना तो लाखों मास मैरिज हर साल होती हैं। आप अगर ऊपर जाते हैं और आवाज देते हैं तो वह सारी दुनिया को सुनाई देती है और इसलिए आज मैं एमआईटी यूनिवर्सिटी के इस कार्यक्रम में आह्वान करने आया हूं कि, राजनीति में आने से डरो मत आगे बढ़ो। आओ अगर तुम नहीं आओगे तो कौन आएगा बेईमान, अगर हम बेईमान नहीं है, हम अच्छे हैं, हम ईमानदार हैं, हम कर्मठ हैं, हम चरित्रवान हैं, हम देशभक्त हैं, हम राजनीति छोड़ दें तो क्या केवल चोरी करने वालों के लिए राजनीति सौप दें। क्या उनके जिम्मे सारे राजनीतिक अधिकार सौंपे जाएंगे और इसलिए मैं कह रहा हूं लीड करो, तुम लीड कर सकते हो क्योंकि तुम अनंत शक्तियों के भंडार हो।

कुछ लोग पॉलिटिक्स को करियर मान लेते हैं

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, आज-कल दूसरे तरह के नेता भी हैं जो पॉलिटिक्स को ही करियर मान लेते हैं। उन्हें लगता है कि, यही करियर है अच्छे कपड़े पहनकर कुर्ता-पजामा और राजनीति करने का प्रयास करते हैं। राजनीति में आना चाहिए, मैं जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूँ कि, कई बार लोग सोचते हैं कि हम क्या करेंगे राजनीति में आकार, ये तो बेकार काम है, लेकिन ये मानसिकता सभी के लिए ठीक नहीं है। क्या राजनीति में धन का प्रभाव खत्म करने के लिए तुम काम नहीं करोगे। क्या राजनीति केवल अमीरों की तिजोरी से चलेगी।

ईमानदारी से काम करो, जनता साथ देगी

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मैं अहंकार की बातें नहीं बोल रहा, मैं लड़ता हूं एक क्षेत्र से, अब तक मैं 11-12 चुनाव लड़ चुका हूं। एक चुनाव मुझे पार्टी ने लड़ाया था, दिग्विजय सिंह के खिलाफ, तब वह मुख्यमंत्री हुआ करते थे, लेकिन मैं उनके खिलाफ भी चुनाव लड़ने पहुंच गया। उन्होंने कहा कि, मैं एक ही क्षेत्र से 11 बार जीता हूं और आज कोई मेरे क्षेत्र में जाकर देख लें मैं चुनाव में प्रचार करने नहीं जाता, एक दिन पहले फॉर्म भरने निकलता हूं तो गांव की जनता आती है मुझे थैली भेंट करती है। जिसमें पैसे और सूची होती है कि, रामलाल के 100 रुपए, श्यामलाल के 200 रुपए और उन पैसों से मैं चुनाव लड़ता हूं। ईमानदारी से काम करो तो जनता साथ देगी।

राजनीति से धन के प्रभाव को समाप्त करना होगा

चौहान ने कहा कि क्या राजनीति में धन का प्रभाव खत्म करने के लिए तुम काम नहीं करोगे… क्या राजनीति केवल अमीरों की तिजोरी से चलेगी…अगर 35-40 करोड़ रुपए एमएलए बनने के लिए खर्चा करोगे तो देश की सेवा करेंगे, प्रदेश की सेवा क्या करेंगे.? राजनीति से धन के प्रभाव को समाप्त करना होगा। ये भी होता है, राजनीति में ईमानदारी से काम करो तो जनता साथ देती है। मैं अहंकार की बातें नहीं बोल रहा, मैं लड़ता हूं एक क्षेत्र से, अब तक मैं 11-12 चुनाव लड़ा हूं एक मुझे लड़ाया था पार्टी ने दिग्विजय सिंह जी जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उनके खिलाफ तो वहां भी लड़ने पहुंच गया था, लेकिन एक ही क्षेत्र से 11 बार जीता हूं और आज कोई मेरे क्षेत्र में जाकर देख लेना सरेआम मीडिया के सामने कह रहा हूं। मैं चुनाव में प्रचार करने नहीं जाता, एक दिन पहले फॉर्म भरने निकलता हूं तो गांव की जनता आती है मुझे थैली भेंट करती है जिसमें पैसे और सूची होती है रामलाल के 100 रुपए, श्यामलाल के 200 रुपए और उस पैसे से चुनाव लड़ते हैं, ये भी होता है, ईमानदारी से काम करो जनता साथ देगी ।

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