धरातल पर योजनाओं का क्रियान्वयन सफलता का आधार : राज्यपाल श्री पटेल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि योजनाओं की सफलता उसका धरातल पर पहुँचना है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मैदानी हकीकतों से परिचित होने की सतत व्यवस्था होना जरूरी है। समस्या समाधान के लिए संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ प्रयास जरूरी है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील दृष्टि का सरल तरीका है कि पीड़ित के स्थान पर स्वयं को रखकर समस्या पर विचार और निर्णय किया जाए।
राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में सामाजिक न्याय और स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक को संबोधित कर रहे थे। सामाजिक न्याय मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इंदर सिंह परमार, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय श्री प्रतीक हजेला, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, आयुक्त लोक शिक्षण श्री अभय वर्मा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि योजनाओं की मंशा अनुरूप उनका अनुपालन हो, इसके लिए निरंतर मैदानी स्थिति की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने स्वयं के अनुभव का उल्लेख करते हुए कहा कि सीधा संवाद कार्य की गुणवत्ता और त्वरित क्रियान्वयन के लिए जरूरी है। समस्याओं के वास्तविक आकलन और समाधान के लिए अभिलेखों के साथ ज़मीनी सच्चाइयों से निर्णयकर्ता का प्रत्यक्ष परिचित होना जरूरी है। ऐसा करने से समस्या का मूल स्वरूप स्पष्ट होता है। प्रभावी समाधान का रास्ता मिलता है।
राज्यपाल ने प्रदेश में दृष्टि बाधित दिव्यांगजन पुनर्वास प्रयासों पर चर्चा की। दिव्यांगजनों की जरूरतों के समाधान के प्रयासों और सहायता, अनुदान को समय अनुसार संशोधित करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि विभाग में संचालित दिव्यांगजन कल्याण योजनाओं और जरूरतों के लिए वित्तीय नियोजन के अभी से प्रयास किए जाएँ, ताकि आगामी बजट में उन पर विचार किया जा सके। उन्होंने भारत स्काउट एंड गाइड और सैनिक स्कूल रीवा की आवश्यकताओं के समाधान प्रयासों की भी जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित शिक्षकों के विभिन्न पदों पर नियुक्ति की गई है। शिक्षक वर्ग-एक में 85 पदों और वर्ग-दो में 42 पदों पर नियुक्ति हो गई है। प्राथमिक शिक्षक सहित शेष पदों की भर्ती का कार्य प्रगतिरत है।