रोजगार के अवसर बढ़ाने सर्विस सेक्टर, औद्योगिक तथा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करना आवश्यक : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शासकीय परियोजनाओं के लिए अधिक संसाधन जुटाने के उद्देश्य से राजस्व संग्रहण को बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए सभी दिशाओं में नवाचार को गति दी जाए। राज्य की जीडीपी में वृद्धि के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक उपायों को चिन्हित करने के लिए उपाध्यक्ष नीति आयोग प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में वित्त विभाग की विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री मनोज गोविल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य शासन की बैंक वित्त पोषित योजनाओं के लिए समेकित पोर्टल का लोकार्पण भी किया। पोर्टल पर ई-केवायसी, हितग्राही प्रोफाइल, आवेदन के स्टेट्स की ट्रेकिंग, आवेदक को मोबाइल और ई-मेल के माध्यम से सूचना देने की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे दस्तावेजों को बार-बार अपलोड करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और योजनाओं में दोहराव से भी बचा जा सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी वर्ष के बजट के लिए प्रदेशवासियों से भी सुझाव आमंत्रित किए जाएँ। इसके लिए विषय-विशेषज्ञों, औद्योगिक, व्यापारिक, कृषि संगठनों के साथ बैठक भी आयोजित की जा सकती है। बैठक में देश को पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने में प्रदेश के योगदान पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सर्विस सेक्टर सहित औद्योगिक एवं विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। बैठक में कोषालयों के डिजिटिलाइजेशन को अगले स्तर पर ले जाने के अद्यतीकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय प्रबंधन के लिए नवीन तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन के प्रयोग के साथ कैशलेस, कॉन्टेक्ट लैस, पेपरलेस और फेसलेस वित्तीय संव्यवहार बढ़ाने की दिशा में हरसंभव गतिविधियाँ संचालित की जाए। साथ ही यूजर फ्रेण्डली वेबसाइट, भुगतान प्रणालियों, राजस्व प्राप्तियों के विकास और विभागों में मॉनीटरिंग तथा डिसीजन मैकिंग सपोर्ट के लिए डेशबोर्ड के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाए। प्रदेश में एंड टू-एंड-ई-पेमेंट्स, ई-रिसीप्ट, ई-एकाउंट्स और ई-ऑडिट व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता है। वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में डिजिटल लॉकर, डिजिटल सिग्नेंचर और ई-वेलेट जैसे नवाचारों का समावेश किया जाए।

बैठक में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप 2023 के आउटकम, दीर्घकालिक लक्ष्यों के आधार पर वर्ष 2022 के लिए विज़न में पूंजीगत व्यय, अर्थ-व्यवस्था की वृद्धि दर बढ़ाने तथा उपलब्धियों और पेंशन योजना में आगामी कार्य-योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।

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