बोरवेल साइलेंट किलर साबित हो रहे – न्यायपालिका
मप्र-बोरवेल में बच्चे गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ती दिख रही हैं इसके चलते अब न्यायपालिका सख्त हो गई है। सीहोर जिले में गत दिनों बोरवेल की घटना में ढाई वर्षीय मासूम बच्ची की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव तथा पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि बोरवेल साइलेंट किलर साबित हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण लापरवाही, जागरूकता में कमी तथा अपर्याप्त सुरक्षा उपाय है। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।
जब इस तरह की घटना घटित होती है सरकार अपने पूरे संसाधन लगाकर घटना को रोकने का प्रयास तो करती है पर इस पर आने वाला खर्च करोड़ों में होता है जिसकी भरपाई आम जनता के टैक्स से की जाती है इसलिए सवाल उठना वाजिब है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसलिए न्यायपालिका इसको लेकर सख्त दिखाई दे रही है।