कमलनाथ के दौरे पर बीजेपी का तंज
बीजेपी से राज्यसभा सांसद और बड़वानी के बीजेपी नेता सुमेर सिंह सोलंकी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा सुमेर सिंह सोलंकी ने उन्होंने ट्वीट कर लिखा
कमलनाथ को 60 साल में आदिवासी याद नहीं आए
आदिवासी इलाकों में सड़क बनाने की याद नहीं आई
आदिवासियों को पक्के मकान देने की याद नहीं आई
कांग्रेस सिर्फ वोट के लिए आदिवासी वर्ग को याद करती है।
सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा अनुसूचित जन जाति के लोगों की भूमि का विक्रय होने की अनुमति मिली है।
साल 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगातार शिवराज सरकार पर हमले बोल रहे हैं. इसी वजह से अब बीजेपी के नेता भी दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल पर निशाना साध रहे हैं। दिग्विजय सिंह के 10 साल के कार्यकाल में धारा 170 बी के तहत अनुसूचित जन जाति वर्ग के लोगों की भूमि विक्रय की सर्वाधिक अनुमति मिली है. उन्होंने लिखा सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पेसा एक्ट लागू कर दिया है. इसके बाद अब राघोगढ़ के आदिवासियों की भूमि फिर भील राजा के पास वापस चली जाएगी.” इस आरोप पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रमाण मांग लिया है.
उन्होंने लिखा है कि यह आरोप सरासर गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई प्रमाण है तो 15 दिन में प्रस्तुत किया जाए. अन्यथा इस मामले में राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी माफी मांगे. विधानसभा चुनाव के करीब आते ही अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के हित को लेकर राजनीतिक दल लगातार आमने-सामने हैं.
क्या है धारा 170 बी में ?
दरअसल, मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति बहुल्य इलाकों में उनकी जमीन सामान्य, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा निर्धारित शर्तों पर ही अनुमति के साथ क्रय-विक्रय की जा सकती है. इसके लिए धारा 170 बी के तहत जिलाधीश से अनुमति लेना आवश्यक होता है. कलेक्टर की अनुमति के बिना भूमि का क्रय विक्रय अवैध माना जाता है. यदि कोई अनुसूचित जनजाति वर्ग का व्यक्ति ही उस वर्ग के व्यक्ति से खरीद-फरोख्त करता है तो यह वैध माना जाता है.