एक ऐसा श्रवण कुमार जो अपनी माँ की इच्छा पूरी करने, स्कूटर से भारत भ्रमण पर निकला
आज के युग में श्रवण कुमार देखना भी कुछ इस तरह हो गया है। मानो सूर्य के उस पार देखना, पर संसार है भिन्न भिन्न भांति के लोग इस देश में रहते हैं। उसी प्रकार आज के युग में एक श्रवण कुमार अपनी मां की इच्छाओं को पूरा करने के लिए स्कूटर पर सवार होकर मां को भारत दर्शन कराने निकला हुआ है।
अपनी मां चूड़ारत्ना को लेकर चित्रकूट पहुंचे कृष्ण कुमार ने बताया कि वह एक मल्टी नेशनल कंपनी में टीम लीडर के रूप में कार्यरत थे। इसके बाद मैंने नौकरी से त्याग पत्र दे दिया और स्वर्गीय पिता द्वारा 20 साल पहले दिए गए स्कूटर पर सवार होकर 16 जनवरी 2018 को मां के साथ भारत भ्रमण शुरू कर दिया।
कर्नाटक मैसूर के रहने वाले कृष्ण कुमार (42) अपनी वृद्ध मां चूड़ारत्ना (72) को स्कूटर पर भारत भ्रमण कराने के लिए निकले हैं। कृष्ण अभी तक अपनी मां के साथ स्कूटर से 66 हजार 720 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। इस यात्रा में तीन देशों क्रमशः नेपाल, भूटान और म्यांमार की यात्राएं भी शामिल हैं।
कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्हें अपनी मां की बात सुनकर बहुत ही दुख हुआ। तभी मेरे मन में अपनी मां को भारत भ्रमण कराने की इच्छा हुई। मैंने मां से कहा कि मैं तुझे सारे देश के मंदिरों का दर्शन भ्रमण कराऊंगा। इसके बाद मैंने नौकरी से त्याग पत्र दे दिया और स्वर्गीय पिता द्वारा 20 साल पहले दिए गए स्कूटर पर सवार होकर 16 जनवरी 2018 को मां के साथ भारत भ्रमण प्रारंभ कर दिया था।
कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्होंने मां के सपने को पूरा करने के लिए आजीवन ब्रह्मचारी अथवा अविवाहित रहने का फैसला कर लिया। यह पूछने पर कि आप समाज को खासकर युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे, इस पर कृष्ण कुमार ने कहा कि माता-पिता धरती के भगवान हैं। माता-पिता हमें जन्म देते हुए जिस प्रकार हमारा लालन-पालन करते हैं, उसी प्रकार से हमें भी अपने माता-पिता का वृद्धावस्था में लालन-पालन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग घर में माता-पिता की फोटो लगाकर उस पर चंदन टीका लगाते हैं। उससे कुछ भी नहीं होने वाला है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि जिस प्रकार माता-पिता बचपन में हमारा खयाल रखते हैं, वृद्धावस्था में हमें अपने माता-पिता का खयाल रखना चाहिए।