भारत अब वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी नगरी वे शाश्वत धारा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जब सबका प्रयास होता है तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।

एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम् यानी ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’ की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि और एकीकृत समाधान दे रहा है। इसलिए भारत ने G20 की भी थीम रखी है एक दुनिया एक परिवार एक भविष्य।

2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है। भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है।

भारत अब वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। टीबी खत्म करने का ग्लोबल टार्गेट वर्ष 2030 है लेकिन भारत वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कार्यक्रम को सम्बोधित करए हुए कहा कि भारत में सालाना 24 लाख टीबी के केस पाए जाते हैं। इनकी जिंदगियों को बचाने का प्रयास करते हुए 2018 में PM मोदी ने देश और दुनिया के सामने 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त करने की प्रतिबद्धता रखी थी।जबकि पूरे विश्व ने 2030 का लक्ष्य रखा था।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धानमंत्री मोदी ने भारत को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का जो संकल्प दिया था आज हम उसके नजदीक पहुंच चुके हैं। आज स्टॉप टीबी कैंपेन का जो थीम दिया गया है ये वास्तव में उनके संकल्पों को मजबूती प्रदान करने और उसे आगे बढ़ाने का है। उत्तर प्रदेश में देश 21% टीबी के मरीज पाए जाते रहें हैं। पिछले 5 साल में उत्तर प्रदेश ने जो लक्ष्य प्राप्त किए हैं उनमें 16 लाख 90 हजार रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से अबतक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Open chat
Hello 👋
For more details contact us