चंदेरी माइक्रो सिंचाई परियोजना स्वीकृत, 122 गांवों के किसानों को मिलेगा लाभ
परियोजना के लिए 558 करोड़ रुपए स्वीकृत
भोपाल। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि शुक्रवार को मंत्रि-परिषद् की बैठक में चंदेरी माइक्रो सिंचाई परियोजना और बिजना-हर्रई माइक्रो सिंचाई परियोजना को स्वीकृती प्रदान की गई है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि यह दोनों योजनाएं विभाग की बहुउद्देशीय योजना हैं। दोनों योजनाओं के लिए कुल 587 करोड़ रुपए मंजूर किए गए है। चंदेरी माइक्रो सिंचाई परियोजना अशोकनगर जिले में और बिजना-हर्रई माइक्रो परियोजना सिवनी जिले में स्थित है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश प्रगति कर रहा है। किसानों के जीवन में खुशहाली आई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य के प्रत्येक किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने के लिए संकल्पित है। बिजना-हर्रई और चंदेरी माइक्रो सिंचाई परियोजना से कई गांव के किसानों को लाभ मिलेगा।
चंदेरी परियोजना से 28 हजार हेक्टेयर भूमि में होगी सिंचाई
चंदेरी माइक्रो सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति मंत्री परिषद की बैठक में प्रदान की गई है। परियोजना से अशोकनगर जिले की चंदेरी, मुंगावली एवं पिपरई तहसील की 28 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होगी। इससे 122 ग्रामों के किसान लाभांवित होंगे। परियोजना को मंजूरी वर्ष 2016 में प्रदान की गई थी। उस समय परियोजना की लागत 389 करोड़ 77 लाख रूपये एवं सिंचाई क्षमता 20 हजार हेक्टेयर थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिसंबर 2017 में मुंगावली क्षेत्र के 26 ग्रामों को परियोजना में जोड़ने की घोषणा थी। घोषणा के बाद 08 हजार हेक्टेयर भूमि को चंदेरी सूक्ष्य सिंचाई परियोजना में शामिल किया गया। इससे परियोजना की लागत बढ़कर 558 करोड़ 05 लाख रुपए हो गई है। चंदेरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना ग्राम सकवारा के पास राजघाट परियोजना की बांयी तट नहर के आर.डी. 33 कि.मी. पर निर्माणाधीन है।
बिजना-हर्रई परियोजना की लागत 29 करोड़
बिजना-हर्रई माइक्रो सिंचाई परियोजना सिवनी जिले में संजय सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र में प्रस्तावित है। इस बहुउद्देशीय योजना से 2600 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 29 करोड़ 47 लाख रुपए है। बिजना-हर्रई माइक्रो सिंचाई परियोजना के माध्यम से छपारा विकासखंड के खापा, चंडी, अंजनिया, गोरखपुर, बिहिरिया, प्रतापगढ़ एवं हर्रई सहित कुल 8 ग्रामों को लाभ मिलेगा। आगामी समय में अन्य ग्रामों को भी जोड़ा जा सकेगा।