20 से 26 फरवरी खजुराहो की भावभूमि पर बिखरेंगे कला-संस्कृति के रंग
मप्र संस्कृति विभाग के अन्तर्गत उस्ताद अलाद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के साथ पर्यटन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, वर्ल्ड डांस एलायंस एवं छतरपुर जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से समारोह को आयोजित किया जा रहा है। समारोह के दौरान भारतीय नृत्य-शैलियों के सांस्कृतिक परिदृश्य एवं कला-यात्रा की प्रदर्शनी कथकली पर एकाग्र-नेपथ्य, भारत सहित विश्व के अन्य देशों की कला प्रदर्शनी आर्ट-मार्ट, भारत एवं पांच देशों के नृत्य कलाकारों द्वारा नृत्य की नई भाषा का संधान-कोरियो लैब-लय प्रवाह, कलाकार और कलाविदों का संवाद-कलावार्ता, वरिष्ठ चित्रकार शुभा वैद्य की कला अवदान पर एकाग्र प्रदर्शनी- प्रणति, देशज ज्ञान एवं परम्परा का मेला-हुनर के साथ टेराकोटा और सिरेमिक राष्ट्रीय प्रदर्शनी कार्यशाला-समष्टि जैसे प्रमुख आकर्षण होंगे।
खजुराहो नृत्य समारोह में इस बार भी भरत नाट्यम से लेकर कथक, कुचिपुड़ी तक तमाम नृत्य शैलियां भारत के सांस्कृतिक वैभव को प्रस्तुत करेंगी। देश-दुनिया के लोकप्रिय कलाकार नृत्य प्रस्तुतियां देंगे। खजुराहो नृत्य समारोह पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी पुरातन परंपरा का पालन करते हुए मंदिर प्रांगण की आभा बनेगा। यह भगवान की भक्ति और नृत्य का बेजोड़ संगम होगा।
पर्यटकों के लिए साहसिक गतिविधियों का आनंद
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ कला प्रेमी और पर्यटक खजुराहो में साहसिक गतिविधियों का आनंद भी उठाएँगे। पर्यटक क्षेत्र विशेष की संस्कृति, धरोहर, परंपराओं, रीति-रिवाजों और खान-पान से रूबरू हो सकेंगे। उत्सव में ग्लैंपिंग, विलेज टूर, वॉक विद पारधी, ई-बाइक टूर, सेग-वे टूर, वाटर एडवेंचर जैसी रोमांचक गतिविधियों का मजा लेंगे। स्थानीय संस्कृति, कला और स्थानीय बुंदेली व्यंजनों के स्वाद का भी पर्यटक लुत्फ उठाएंगे।
आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियों से शाम होगी रोशन
20 फरवरी- जानकी रंगराजन-भरतनाट्यम, धीरेन्द्र तिवारी एवं अपराजिता शर्मा- कथक-भरतनाट्यम एवं प्राची शाह – कथक नृत्य।
21 फरवरी- श्रीलक्ष्मी गोवर्धनन- कुचिपुड़ी, मैथिल देविका, धनूप पी.के एवं अर्जुन कुलथिंगल की त्रयी मोहिनी अट्टम नृत्य, वैभव आरेकर एवं साथी भरत नाट्यम।
22 फरवरी- प्रतीशा सुरेश- सत्रिया नृत्य, हिमांशी कटरगड्डा एवं आरती नायर- भरतनाट्यम एवं कुचिपुड़ी जुगलबंदी तथा कदम्ब सेंटर फॉर डांस- कथक नृत्य।
23 फरवरी- रामली इब्राहिम व साथी ओडिसी नृत्य, संजुक्ता सिन्हा- एकल कथक प्रस्तुति और तेजस्वनी साठे व साथी समूह कथक प्रस्तुति।
24 फरवरी को आकाश मलिक एवं रुद्र प्रसाद राय का कथकली, शाश्वती गराई घोष- ओडिसी एवं बाला विश्वनाथ एवं प्रफुल्ल सिंह गेहलोत- भरत नाट्यम-कथक नृत्य की जुगलबंदी।
25 फरवरी- जननी मुरली का भरतनाट्यम, वैजयंती काशी एवं साथी का कुचिपुड़ी समूह नृत्य, निवेदिता पंड्या एवं सौम्य बोस की कथक ओडिसी जुगलबंदी तथा गजेन्द्र कुमार पंडा-त्रिधारा का ओडिसी समूह नृत्य।
26 फरवरी- गोपिका वर्मा का मोहिनी अट्टम, अरूपा लाहिरी व साथी मोहिनी अट्टम, ओडिसी व भरतनाट्यम की त्रिगुलबंदी तथा पुष्पिता मिश्रा एवं साथी का ओडिसी समूह नृत्य होगा।
भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों पर केन्द्रित यह देश का शीर्षस्थ समारोह है, जो राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त है। समारोह में सभी दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा। समारोह का सीधा प्रसारण संस्कृति विभाग के यूट्यूब चैनल एवं खजुराहो डांस फेस्टिवल के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा।