पूर्वोत्तर के राज्यों का भी भ्रमण करें: श्री सेमा


अभाविप के अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2023 में पूर्वोत्तर राज्यों के दल का नागरिक अभिनन्दन
भोपाल। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अखेतो सेमा ने कहा कि पूर्वोत्तर को भारत से जोड़ने के लिए मेन-टू- मेन कनेक्शन के साथ हैण्ड होल्डिंग भी की जानी चाहिए। इस दिशा में और भी अधिक प्रयास की जाने की आवश्यकता है। पूर्वोत्तर के हरित क्षेत्र को बचाने के लिए ग्रीन ट्रेडिंग शुरू की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म, टीवी के माध्यम से कम्युनिकेशन विकसित कर पूर्वोत्तर के लोगों के भाव को भी प्रस्तुत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शेष भारत के नागरिकों को भी पूर्वोत्तर के राज्य देखना चाहिए। यहाँ बहुत सुंदर प्रदेश हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के प्रदेश में बहुत सी समस्याएं हैं, लेकिन खूबियां भी बहुत हैं। उत्तर-पूर्व के राज्यों में भारत की चार प्रदेश आबादी निवास करती है और लगभग आठ प्रतिशत क्षेत्रफल वहां है।
श्री सेमा आज समन्वय भवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2023 में उत्तर पूर्व के राज्यों से आए 29 विद्यार्थियों के नागरिक अभिनन्दन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री गोविंद नायक ने कहा कि अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन एक विशिष्ट उद्देश्य को लेकर के प्रारंभ किया गया। 1962 में चीन युद्ध के बाद प्रोफेसर परांजपे जब पूर्वोत्तर के दौरे पर गए तो उन्हें वहां लोगों ने उनसे पूछा कि क्या भारत से आए? इसके बाद प्रो परांजपे ने 39 विद्यार्थियों को अरुणाचल से मुंबई पढ़ने के लिए आमंत्रित किया। ये विद्यार्थी तीन-चार सालों तक मुंबई और पुणे के विभिन्न परिवारों में रहे। बाद में इन्हीं में से विद्यार्थी गेगांग अपांग अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। प्रो परांजपे ने इस तरीके के कार्यक्रमों को एकात्मता के साथ भाव से भी जोड़ने के लिए अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन का प्रारंभ किया।
उन्होंने कहा कि पिछले 56 वर्षों में सिल यात्रा पर आए पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों ने देश प्रेम के अनोखे उदाहरण प्रस्तुत किए। अरुणाचल में एक विद्यार्थी ने डॉक्टर बनने के बाद मुंबई के तांबे परिवार के नाम पर अपना क्लीनिक खोला। विद्यार्थी परिषद ने 2004 में उत्तर-पूर्व के विद्यार्थियों को कौशल विकास प्रदान करने के उद्देश्य से युवा विकास केंद्र प्रारंभ किया। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को छोटे-छोटे रोजगार और स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
सिल टूर कार्यक्रम की सराहना करते हुए महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि इस तरीके के कार्यक्रमों से लोग भारत के सच्चे नागरिक बन सकेंगे एवं भारत को एक सूत्र में बांध सकेंगे। नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी ने सिल टूर के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता जो नारे लगते है, सिल टूर के माध्यम से वही साकार रूप में नजर आ रहे है।
विद्याथियों ने साझा किए अनुभव: पूर्वोत्तर से आने वाले विद्यार्थियों द्वारा चार दिवसीय यात्रा के दौरान भोपाल के शैक्षणिक एवं सामाजिक अनुभव प्राप्त किए। तीन दिवसीय इस यात्रा के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा रेलवे स्टेशन पर ढोल-नगाड़े और तिलक लगाकर परंपरागत तरीके से भव्य स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात इन प्रतिनिधियों का एकत्रीकरण एवं कार्यकर्ताओं से परिचय करवाया गया, इन प्रतिनिधियों को 18 अलग-अलग परिवारों में ठहराया गया, जहां इनके रात्रि भोजन एवं विश्राम की व्यवस्था थी।
14 फरवरी को इन प्रतिनिधियों द्वारा शोर्य स्मारक जाकर शहीदों को सार्धांजलि अर्पित की गई। वहीं 15 फरवरी को प्रतिनिधियों द्वारा शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों विश्वविद्यालय के कुलपति एवं वहा विद्यार्थियों के साथ संवाद रखा गया। इसी दिन इन प्रतिनिधियों का समूह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान से भेट की और उनके साथ अब तक के इस यात्रा के अनुभवों को साझा किया।
16 फरवरी को इन प्रतिनिधियों द्वारा अलग-अलग समूहों में भोपाल शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में विजिट किया यहां की शैक्षणिक पद्धति शैक्षणिक वातावरण को इन प्रतिनिधियों ने बहुत सराहा। इसके साथ ही पत्रकारों के साथ SEIL टूर में अनुभव साजा करते हुए अरूणांचल के ‘केसंग चिरोजो’ बताते हैं की मध्य प्रदेश घूमने का अनुभव उन्हें काफ़ी अच्छा लगा वे बताते हैं की भोपाल बहुत खूबसूरत है यहां के लोग बहुत विनम्र है। वहीं त्रिपुरा से आई ‘संजना तमाई’ बताती है कि जिन परिवारों में वे रुकी हुई है उन परिवारों में उनका बहुत ख्याल रखा। उत्तरपूर्व के विभिन्न प्रदेशों से आए विद्यार्थी अलग–अलग परिवारों में रुके हुए है। वहीं पत्रकारों से बात करते हुए असम की अनामिका राभा बताती है की प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पर उन्हें बहुत अच्छा लगा।

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