80 लाख टन गेहूं खरीदने की तैयारी, आज से होगा पंजीयन

भोपाल- मध्य प्रदेश कृषि राज्य के रूप में स्थापित हो चुका है जहां गेहूं और सोयाबीन की पैदावार रिकॉर्ड तोड़ होती आई है किसानों को परेशानी ना हो और वह अपनी फसलों का उचित ढंग से मूल्य और फसल का सौदा कर सकें इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार समय-समय पर व्यवस्था कर खरीदी करती है एवं बोनस के रूप में अपनी तरफ से अतिरिक्त शुल्क भी देती है।

मध्‍य प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य (दो हजार 125 रुपये प्रति क्विंटल) पर सरकार इस वर्ष 80 लाख टन गेहूं खरीदेगी। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने इसकी तैैयारी कर ली है। सोमवार छह फरवरी से पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

किसान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में जाकर पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा पचास रुपये शुल्क देकर एमपी आनलाइन, कामन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र से भी पंजीयन करा सकते हैं।

इसमें किसानोें को बोवनी के क्षेत्र की जानकारी देनी होगी, जिसका सत्यापन पटवारियों से कराया जाएगा। भुगतान आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते में ही होगी ताकि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पंजीयन के लिए तीन हजार 480 केंद्र बनाए गए हैं। जो किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना चाहता है, उसे पंजीयन कराना होगा। इसमें उसे यह जानकारी देनी होगी कि उसने कितने क्षेेत्र में गेहूं की बोवनी की है और वह कब उपज किस केंद्र पर बेचना चाहेगा।

पंजीयन कराने पर उसके मोबाइल नंबर पर ओेटीपी नंबर आएगा, जिससे किसान की पहचान प्रमाणित होगी। उपज का भुगतान आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में किया जाएगा।

भूमि स्वामी की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी के नाम पर पंजीयन होगा। सिकमी, बंटाईदार, कोटवार एवं वन पट्टेधारी किसानोें का पंजीयन सहकारी समिति या विपणन समिति संस्था स्तर पर स्थापित केंद्रों पर होगा। पंजीयन की अंतिम तारीख 28 फरवरी रखी गई है। इसके बाद उपार्जन की तारीख घोेषित की जाएगी

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