ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शिवराज ने कहीं यह बड़ी बातें
इंदौर । ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि आज देश का उद्योग जगत हमारे बीच है, मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूँ। आपके स्वागत में मध्यप्रदेश ने पलक पावड़े बिछाए हैं। अपने इंदौर ने और मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता ने आपका स्वागत किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परसों भी हमारे बीच पधारे थे, आज भी जीआईएस का वर्चुअल उद्घाटन वो कर रहे हैं।उनके नेतृत्व में एक नये भारत का उदय हो रहा है। वैभवशाली, गौरवशाली, शक्तिशाली, सम्पन्न, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए मुझे आप सभी के साथ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाना है। इसके लिए हमने रोडमैप बना लिया है। मैं आज विश्वास के साथ कह रहा हूँ की भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन भारत ही कराएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारा सौभाग्य है भारत के प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी परसों भी इसी मंच पर आशीर्वाद देने पधारे थे, प्रवासी भारतीय सम्मेलन में और आज भी ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट का वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री जी कर रहे हैं। अतुल्य भारत के अद्भुत प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी उनके नेतृत्व में एक नए भारत का उदय हो रहा है एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध, शक्तिशाली भारत और सच में आत्मनिर्भर भारत बन रहा है। आत्मनिर्भर भारत के लिए मुझे आपके साथ मिलकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाना है उसका रोड मैप तैयार है लेकिन मैं उस पर बात करूं उससे पहले आज हम सभी की प्रेरणा और प्रकाश स्तंभ केवल भारत के ही नहीं, ग्लोबल लीडर जिन्होंने दुनिया को एक नई दिशा दिखाई है। मैं आज पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं इस मंच पर खड़े होकर भौतिकता की अग्नि में दग्द विश्व मानवता शांति के पद का दिग्दर्शन भारत ही कराएगा। विकसित भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आस्था, अध्यात्म से लेकर पर्यटन तक, एग्रीकल्चर से लेकर एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट तक, एमपी अजब, गजब और सजग भी है। इस समिट को मेरी अनेक -अनेक शुभकामनाएं हैं। मध्यप्रदेश के सामर्थ्य और संकल्प आपकी प्रगति में दो कदम आगे चलेंगे यह मैं आपको विश्वास से कहता हूं।
इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के शुभारंभ कार्यक्रम में फोर्स मोटर्स के अभय फिरोदिया के उद्बोधन के बिन्दु । मैं तीन बातें कहना चाहता हूँ। हमारे ग्रुप का मध्यप्रदेश से 35 वर्ष से संबंध है।जब हम यहाँ आए, तो पहले 15 वर्ष हमारे लिए कठिन थे। न बिजली थी, न पानी था, न रास्ते थे और न सरकार की तरफ से कोई सुनवाई थी।पिछले 20 वर्षों में मध्यप्रदेश बदल गया है। मध्यप्रदेश का जो उत्कर्ष हुआ है, उसके लिए कई कारण हैं। यहाँ आपका कोई भी नाम हो, फर्क नहीं पड़ता। यहाँ का समाज सबको साथ लेकर चलता है। मध्यप्रदेश के लोगों की कार्यक्षमता हमें उच्च कोटि की लगती है। मध्यप्रदेश के विकास में यहाँ की जनता का सबसे बड़ा योगदान है। मैंने इंदौर को टूटा-फूटा भी देखा है। आज यह भारत का सबसे स्वच्छ शहर है। यहाँ का अनुशासन ऐसा है की किसी भी उद्योग को सोचना पड़ जाता है कि यह आपको कहाँ मिलेगा। मध्यप्रदेश भारत के बीचोंबीच है। इस लोकेशन का महत्व बढ़ता जाएगा। लैंडलॉक्ड होने का डिसएडवांटेज कुछ वर्षों में चला जाएगा। मध्यप्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर पिछले कुछ सालों में बहुत सुधरा है। मध्यप्रदेश की पॉलिसीज़ बहुत अच्छी रही हैं। यहाँ की ब्यूरोक्रेसी ने उद्योग जगत को आस्था से देखा है जिससे उद्योग जगत को मदद मिली है। मध्यप्रदेश को एमपी कहते हैं। मेरे मन में बड़े समय से विषय है कि इसका नाम बदला जाए और इसका नाम ‘मध्यप्रदेश’ से ‘मॉडल प्रदेश’ रखा जाए। यहां स्वच्छता, यहां हरियाली, यहां सेफ़्टी, यहां शांति, यहां ईज ऑफ लिविंग और क्या चाहिए आईटी के लिए। इसलिए आईटी की अगली डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश ही है। आपने देखा टीसीएस, इंफोसिस सभी मध्यप्रदेश आ रहे हैं हमारे यहां चार आईटी पार्क, पांच आईटीए ऐ.सी हेड हैं । इकोनामिक कॉरिडोर इंदौर पीथमपुर हम विकसित करने का काम कर रहे हैं जिसमें दोनों तरफ 500 एकड़ कामर्शियल भूमि पर प्लग प्ले एंड इंफ्रा का निर्माण किया जाएगा। और रेंटल अगर देखे तो बाकी शहरों की तुलना में 7 से 10 गुना तक रेंटल दरें हमारी कम हैं। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर इनमें हमारे आईटी पार्क है भोपाल और जबलपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की हमने स्थापना की है। मैं और बताऊंगा तो समय लगेगा लेकिन विशिष्ट नीति के माध्यम से आईटी, बीपीओ कंपनियों को आकर्षक सुविधाएं यहां से रियायती दरों पर भूमि, कैपिटल, सब्सिडी, ट्रेनिंग सब्सिडी स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन, छूट ये सब हम देते हैं। और कोई कस्टमाइज पैकेज है चाहिए तो आप का प्रोजेक्ट लेकर आ जाओ उस पर भी हम विचार कर लेंगे। अपनी टीम के साथ हम बैठते हैं विचार करते हैं और अगर कोई छूट या सुविधा देनी होती है तो वह देने का काम करते हैं। टैक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स में मेरी रुची इसलिए है कि सबसे ज्यादा रोजगार देता है। हमारे मध्यप्रदेश में बेटियां और बहनें आगे बढ़कर काम करती हैं।3-3 शिफ्टों में हमारे यहां काम होता 24 बाय 7 कारखाने के चक्के चलते रहते हैं।कभी काम करने की वहां ज़रूरत नहीं है।
मध्यप्रदेश में सभी प्रकार के लूम्स कार्यरत विभिन्त हैं क्षेत्र में टेक्निकल टेक्सटाइल्स श्रेणी के अंतर्गत भी हम तेजी से उन्नति करने का काम कर रहें हैं। अभी हम रेडिमेट गारमेंट्स के क्षेत्र में भी चौथे स्थान पर हैं लेकिन जल्दी पहले स्थान पर आना है , उस दिशा में हम लगातार प्रयास कर रहें हैं । जो बड़े गारमेंट उद्योग हैं उनको आकर्षित करने के लिए हमारे पास विशेष रेडिमेट गारमेंट्स पॉलिसी है, जिसमें गारमेंट इकाइयों को 200 प्रतिशत तक के प्रोत्साहन दिए जाते हैं और इसलिए 50 करोड़ के निवेश पर गारमेंट उद्योगों को मेगा स्टेटस देने का भी प्रावधान किया गया है, स्किल डेवलपमेंट हेतु एप्रिल ट्रेनिंग, डिज़ाइन सेंटर, ग्लोबल स्किल पार्क हमारे यहां मौजूद हैं । शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अकेले पीथमपुर ऑटो कलस्टर में 25 हजार लोग कार्यरत है। जो ऑटो मोबाइल सेक्टर के लिए आवश्यक सपोर्ट इंफ्रा चाहिए इंडो जर्मन टूल रूम हमारे यहां है।दा सेंट्रल फॉर्म मशीनरी ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट हमारे यहां है। ऑटो टेस्टिंग ट्रैक हमारे यहां है। नेट्रेक्स हमारे यहां है। ऑटो मोबाइल सेक्टर की वैल्यू चैन का हर स्तर जैसे कंपोनेंड मैन्युफैक्चरिंग और सहयोगी इकाइयां हमारे यहां स्थापित है।अभी मैंने ईबी का बताया वह भी हम स्थापित कर रहे हैं। देखिए जनाब! मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट्स है, मध्य प्रदेश लैपर्ड स्टेट्स है, मध्य प्रदेश वल्चर स्टेट्स है, मध्य प्रदेश क्रोकोडाइल स्टेट्स है और अब तो मध्य प्रदेश चीता स्टेट्स भी हो गया। यहां नहीं थे तो नामीबिया से प्रधानमंत्री जी ले आए, अभी दक्षिण अफ्रीका से और आने वाले हैं इसलिए मध्य प्रदेश चीता स्टेट भी होगा। ये मैं ऐसे ही नहीं कह रहा हूं। हम चीता प्रोजेक्ट भी बना रहे हैं। श्योपुर जिले में चीते आए। वहां आसपास सड़कें, रहने को रिसोर्ट चाहिए, होटल चाहिए, गाड़ियां चाहिए, कई तरह की सुविधाएं चाहिए और इसलिए मध्य प्रदेश चीते की रफ्तार से दौड़ना चाहता है, प्रगति और विकास के पथ पर। आइए चीता प्रोजेक्ट भी आप देखिए। हमारे यहां महाकाल महालोक है। मै सच कह रहा हूं, “जरूर देखिएगा, अदभुत बना है। महाकाल महाराज के दर्शन भी कीजिए। अद्भुत ऊर्जा क्षेत्र है सचमुच में। हमे भी प्रेरणा देता है और आप में भी नई ऊर्जा आएगी। लेकिन उसके बाहर जो महाकाल महालोक बना है एक शिव सृष्टि की रचना की गई है। उज्जैन में होटलों में कहीं जगह नहीं है। लोग घरों में ठहरा रहे हैं, होम स्टे शुरू हो गया है। आईए वहां होटल बनाइए, रिसोर्ट बनाईये। पूरे मध्यप्रदेश में जरूरत है। ओरछा में रामरजा विराजते हैं, मैहर में हमारी मैहर वाली शारदा मैया है, चित्रकूट में भगवान राम विराजते हैं। देवास में चामुंडा मैया, तो सलकनपुर में विजयासन मैया, ग्वालियर शनिचरा में शनि महाराज विराजते है ।रिलीजियस टूरिज्म की संभावना है, बायलाइफ़ टूरिज्म की संभावना, हेरिटेज टूरिज्म की संभावनाएं है, अगर कहीं देखना है तो मध्यप्रदेश में देखिए।*