मप्र से जारी होगा “जल विज़न 2047” , जल से जुड़ी समस्याओं का होगा निदान

जल से जुड़ी व्यवहारिक समस्याओं से सभी देश पीड़ित हैं इस इन समस्याओं का समाधान खोजने समस्त मानवजाति विचार कर रही है,इसी दिशा में जल विज़न 2047 के लिए सभी प्रदेशो के जल मंत्री एकत्रित हुए हैं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि

हम सौभाग्यशाली हैं, हमारा देश सौभाग्यशाली है कि प्रधानमंत्री के रूप में हमें नरेंद्र मोदी मिले हैं। वो संकल्प लेते हैं, तो उसकी सिद्धि के लिए स्वयं को झोंक देते हैं। वे अद्भुत लीडर हैं

“वॉटर विजन @ 2047” के आयोजन का दुर्लभ अवसर मध्यप्रदेश को मिला है। हमारी परंपरा अतिथि देवो भव: की है, प्रयास यह होगा कि सम्मेलन के दौरान किसी तरह का कष्ट न हो। आप सभी का हृदय से स्वागत है

भोपाल जल प्रबंधन का उत्तम उदाहरण है। हमारे यहां कहावत है कि ताल तो भोपाल ताल बाकी सब तलैया। यह ताल दसवीं शताब्दी में बना था। इसे बने हुए एक हजार साल से ज्यादा हो गये हैं और आज भी भोपाल की एक तिहाई जल की आपूर्ति इसी तालाब से होती है।

राजा भोज ने अकेले भोज ताल नहीं बनवाया था। दो पत्थरों की दीवारों के बीच मिट्टी भरकर उन्होंने 400 वर्ग किलोमीटर का तालाब और बनवाया था।

मंडीद्वीप उसमें एक द्वीप था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2003 के आसपास हमारी कुल सिंचाई की क्षमता साढ़े 7 लाख हेक्टेयर थी। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि आज मध्यप्रदेश की सिंचाई क्षमता बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। मध्यप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। इसलिए हमने बांध और जल संरचनाएं बनाईं।

बुंदेलखंड की धरती में लगभग 2000 से ज्यादा चंदेल कालीन जल संरचनाएं हैं। यह हमारी प्राचीन परंपरा भी है। मध्यप्रदेश के भी हर गांव में बिना तालाब के काम नहीं चलता था।

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि माता गंगा की तरह हमारे यहां नदियां ग्लेशियर से नहीं निकलती हैं,बल्कि मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा पेड़ों की जड़ों से निकलती हैं।हमने जनभागीदारी से नर्मदा सेवा यात्रा प्रारंभ की और नदी की स्वच्छता के साथ-साथ मैया नर्मदा के तटों पर असंख्य पौधे लगाये

मध्यप्रदेश में हमने 2007 में जलाभिषेक अभियान प्रारंभ किया। जिलों में जल संसद, जल सम्मेलन और गाँवों में जलयात्राओं के माध्यम से जनता को जोड़ने का प्रयास किया। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि छोटी-बड़ी मिलाकर हमने 4 लाख से ज्यादा वॉटर बॉडी बनाईं

मध्यप्रदेश अपनी जलनीति बना रहा है। जिसमें सारे आयाम शामिल रहेंगे कि हम कैसे पानी बचाएं, कैसे पानी बढ़ाएं, कैसे वर्षा जल को रोककर रखें, कैसे वेस्ट वॉटर को रिसाइकिल करके उपयोग में लाएं। इसके प्रयास हम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ,प्रह्लाद पटेल, तुलसी सिलावट के साथ ‘नेशनल फ्रेमवर्क ऑन सेफ यूज ऑफ ट्रीटेड वाटर’ पुस्तिका का विमोचन किया।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Open chat
Hello 👋
For more details contact us