अविश्वास प्रस्ताव से उजागर हुई कांग्रेस की कलह और अंदरूनी खींचतानः सरदेन्दु तिवारी


प्रदेश महामंत्री ने कहा- विधानसभा में झूठ बोलने के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगें जीतू पटवारी

भोपाल। विधानसभा में कांग्रेस द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, उसने कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान और कलह को प्रदेश की जनता के सामने एक बार फिर उजागर कर दिया है। प्रस्ताव पर चर्चा और बहस के दौरान सभी बड़े नेता सदन से कन्नी काट गए। उनकी अनुपस्थिति में जीतू पटवारी जैसे नेता सफेद झूठ का सहारा लेकर सरकार पर कीचड़ उछालने का प्रयास करते रहे। इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और सत्ता पक्ष के अन्य मंत्रियों जो तथ्य सदन में रखे, उनसे एक बार फिर जनता के बीच कांग्रेस की कलई खुल गई है। वहीं, कांग्रेस में चल रही गुटबाजी और उठापटक भी जनता के बीच आ गई है। यह बात भारतीय जनता पार्टी प्रदेश महामंत्री व विधायक सरतेन्दु तिवारी ने अविश्वास प्रस्ताव के गिरने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। 

कहां चले गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष

सरतेन्दु तिवारी ने कहा कि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने रखा था, जो दिग्विजयसिंह के खेमे से आते हैं। इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन से ही गायब रहे। वहीं, पारिवारिक कारण बताकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी बुधवार रात को घर चले गए। संभवतः कांग्रेस के ये बड़े नेता पहले से जानते थे कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उनके पास सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसे में वे अपनी भद्द नहीं पिटवाना चाहते थे और सदन में ही नहीं आए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी यह भलीभांति पता था कि कांग्रेस की ओर से भाजपा सरकार पर जितना भी कीचड़ उछाला जाएगा, वो पलटकर उनकी 15 महीनों की सरकार पर ही आने वाला है। ऐसे में उन्होंने दिग्विजय गुट द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर माथापच्ची करने की बजाय अपना दामन बचाना ही ठीक समझा।
झूठ बोलने के लिए जनता से माफी मांगें जीतू पटवारी
श्री सरतेन्दु तिवारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार के खर्च पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में कई बार भोजन कराने का सरासर झूठा आरोप लगाया था। उन्होंने सदन के पटल पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिया गया जो जवाब प्रस्तुत किया था, वो भी कूटरचित था। वर्ष 2019 में सामान्य प्रशासन विभाग से मुख्यमंत्री निवास के खर्च के बारे में जानकारी मांगी गई थी, जबकि जवाब जनसंपर्क विभाग की ओर से दिया गया। जिस समय यह प्रश्न पूछा गया था, उस समय सरकार भी कांग्रेस की ही थी। इसलिए जानबूझकर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय के स्थान पर जवाब में भाजपा कार्यालय जोड़ दिया गया। श्री तिवारी ने कहा कि कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने पार्टी में अपना कद बढ़ाने के लिए झूठ और कूटरचित दस्तावेज के सहारे विधानसभा और प्रदेश की जनता को गुमराह करने का जो पाप किया है, उसके लिए उन्हें प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

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